नो डाउट हर कोई अपनी लाइफ में बैकअप प्लान लेकर चलता है। लेकिन अगर यही काम कोई रिलेशनशिप में करे तो, सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा है ना। दरअसल, एक पार्टनर के रहते बैकअप पार्टनर को साथ रखना आखिरकार क्या है?
ऐसा इसलिए अगर उनका मौजूदा रिश्ता नहीं चला, तो उससे ब्रेकअप कर वह दूसरे पार्टनर के पास चली जाती हैं। बैकअप पार्टनर रखने की बात स्वीकार करने वाली ज्यादातर महिलाओं ने माना कि उनका बैकअप पार्टनर उनका पुराना दोस्त होता है। (सभी तस्वीरें-Istock)
कोई भी हो सकता है बैकअप पार्टनर
भले ही आप बैकअप पार्टनर के बारे में ज्यादा न जानते हों, लेकिन रिश्तों की दुनिया में यह शब्द नया नहीं है। यूके में हुए सर्वे में शामिल महिलाओं ने खुद बताया कि उनका बैकअप पार्टनर कोई भी हो सकता है, जैसा उनका ऑफिस कॉलीग-एक्स हसबैंड, स्कूल फ्रेंड या फिर जिम पार्टनर।
महिला केवल मुसीबत के वक्त उसी आदमी को याद करती है, जिसके पास वो जा सकती है। इस सर्वे में 10 प्रतिशत महिलाओं ने यह भी स्वीकारा कि उनका बैकअप पार्टनर उनका एक्स भी हो सकता है।
महिलाएं बैकअप पार्टनर क्यों चुनती हैं?
महिलाएं उस स्थिति में बैकअप पार्टनर चुनती हैं, जब उन्हें लगता है कि उनके वर्तमान रिश्ते में चीजें खराब हो रही हैं। इस दौरान वह किसी ऐसे व्यक्ति के पास जाना पसंद करती हैं, जहां उन्हें भावनात्मक सुरक्षा मिल सके।
ऐसे समय में बैकअप पार्टनर उन महिलाओं के लिए सुरक्षा जाल के रूप में काम करता है। बैकअप पार्टनर के साथ वह अपनी स्वतंत्रता से समझौता किए बिना एक अच्छा जीवन बिता सकती हैं।
क्या बैकअप पार्टनर का होना सही है?
जिस तरह बैकअप पार्टनर का चलन बढ़ रहा है, उसकी वजह से एक नया सवाल भी उठने लगा है कि क्या रिश्ते में रहते हुए बैकअप पार्टनर का होना सही है? क्या बैकअप पार्टनर का होना अपने साथी को धोखा देने जैसा है?
हालांकि, इस सवाल पर रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स अलग-अलग मत देते हैं। लेकिन सही बात तो यह है कि बैकअप पार्टनर होना कभी भी किसी रिश्ते के लिए सही नहीं होता। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान आप अपने रिश्ते को बचाने वाली कोशिश कम कर देते हैं। अगर बैकअप पार्टनर होगा, तो आपको अपने साथी को खोने का डर नहीं रहेगा।
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