यदि कोई विभाग के पास शिकायत लेकर पहुंचता है तो 4-5 दिन पानी मिल जाता है, नहीं तो नल सूखे के सूखे पड़े रहते है। पानी न होने से बच्चे भी अब स्कूल जाने से इन्कार करने लग गए है। यह कहानी है कलखर- ऊना सुपर हाईवे किनारे बसे गुम्हू पंचायत के बाशिंदों की है। वीरवार को गुम्हू पंचायत के गांव कलखर के दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी से मिला और अपनी आपबीती सुनाई।
इनका कहना है कि पिछले चार-पांच सालों से कलखर गांव में पानी की विकराल समस्या बनी हुई है। विभाग के पास शिकायत करने पर चार दिन पानी आ जाता है। लेकिन उसके बाद ग्रामीण फिर से पानी की बूंद-बूंद को तरसते रह जाते है। इनका आरोप है कि जब भी इस समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों के पास जाते हैं तो उन्हें एक सर्किल ऑफिस से दूसरे सर्किल ऑफिस दौड़ाया जाता है। पिछले कई दिनों से गांव में पानी की समस्या विकराल बनी हुई है।
गुम्मू पंचायत के उपप्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि कलखर गांव में 500 के करीब जनसंख्या है। गांव में एक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भी है जिसमें 70 से 80 बच्चें पढ़ने के लिए आते है। पानी की समस्या के चलते बच्चों भी अब स्कूल जाने से इंकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्तारुढ़ि सरकारों के द्वारा हर घर नल का दावा किया गया है, लेकिन नल में पानी का कोई भी अता-पता नहीं है।
वहीं कलखर निवासी धर्मपाल ने बताया कि पानी की समस्या इतनी विकराल हो चुकी है कि घर में शौचालय तक जाने के लिए पानी नहीं है। दो बार बग्गी डिविजन और सरकाघाट डिविजन में भी ग्रामीण डेपुटेशन लेकर गए थे, लेकिन आश्वासन के सिवा आज दिन तक कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर उन्हें पानी नहीं मिलता है तो ग्रामीण कलखर सड़क पर चक्का जाम कर देंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी।
बता दें कि बीते साल बरसात के समय भी मीडिया ने इनकी समस्या को प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद विभाग हरकत में आया और ग्रामीणों कुछ दिन तक पानी मिलता रहा। लेकिन अब एक बार फिर से गांव में पानी की समस्या खड़ी हो गई है। उधर, अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने ग्रामीणों की समस्या जल्द हल करने का आश्वासन दिया है।