वो 7 दिन: उधार से शुरू हुई, मिथुन के ठुकराने पर अनिल कपूर को मिली पहली फिल्म, रातोंरात बने स्टार

किसी भी टैलेंट को सिर्फ एक मौके की जरूरत होती है. मौका मिलते ही साबित हो जाता है कि सामने वाले में कितना हुनर है. फिल्म इंडस्ट्री उक्त बातों का बड़ा उदाहरण है. यहां कई ऐसे मौके आते रहते हैं जब किसी एक की ठुकराई हुई फिल्म दूसरे का करियर बना देती है. जिन्हें एक मौका चाहिए होता उन्हें वो मौका मिलता है और वो खुद को साबित कर रातोंरात स्टार बन जाते हैं.

पहली ही फिल्म ने बना दिया अनिल कपूर को स्टार

अनिल कपूर की पहली फिल्म भी कुछ ऐसी ही थी. उन्हें भी बस एक मौका चाहिए था और उन्हें ये मौका मिला फिल्म ‘वो 7 दिन’ में. ये उनकी पहली ही फिल्म थी जिसमें पद्मिनी कोल्हापुरे उनकी हीरोइन थीं. उनकी पहली ही फिल्म हिट हुई और वो रातोंरात स्टार बन गए. कमाल की बात ये है कि जिस फिल्म ने उन्हें रातोंरात स्टार बनाया वो फिल्म पहले उनके नसीब में थी ही नहीं. अनिल कपूर का इस फिल्म के साथ कोई नाम नहीं जुड़ा था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनिल कपूर ने जिस किरदार को निभाया उसके लिए बोनी कपूर ने किसी अन्य स्टार को पसंद किया था.

लेकिन हालात ऐसे बन गए कि बोनी कपूर को ऐन मौके पर अनिल कपूर को लेकर फिल्म बनानी पड़ी. फिल्म में अनिल कपूर ने ‘प्रेम प्रताप पटियालेवाला’ का किरदार निभाया था, जो यादगार बन गया. उनकी पहली ही फिल्म मील का पत्थर साबित हुई. इस फिल्म के बाद अनिल कपूर ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

अनिल नहीं थे इस फिल्म की पहली फिल्म

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बोनी कपूर ‘वो 7 दिन’ में अनिल कपूर को नहीं बल्कि मिथुन चक्रवर्ती को कास्ट करना चाहते थे. उन्होंने मिथुन और पद्मिनी की जोड़ी को साथ लेकर फिल्म बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन उस समय तक मिथुन चक्रवर्ती स्टार बन चुके थे और उनके पास कई फिल्में के ऑफर पहले से ही थे, इसी व्यस्तता के करन उन्हें डेट्स की प्रॉब्लम आ रही थी और उन्होंने इस फिल्म को करने से इनकार कर दिया. अनिल कपूर के पास ये मौका केवाल मिथुन के हाथों से फिसल कर नहीं आया. मिथुन के बाद इस फिल्म के लिए संजीव कुमार और रणधीर कपूर को लेने की बात भी हुई लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

दूसरी तरफ एक मौके के इंतजार में बैठे अनिल कपूर के पास उन दिनों कोई काम नहीं था. रिपोर्ट्स का कहना है कि अनिल पहले से ही इस किरदार को निभाने का मन बनाए हुए थे लेकिन उनकी कभी ये हिम्मत नहीं हो पाई कि अपने बड़े भाई से कह सकें कि मुझे हीरो बना दो. लेकिन मिथुन के ऑफर ठुकराने के बाद बोनी कपूर ने डायरेक्टर बापू से बात की और फिल्म में अनिल कपूर को कास्ट कर लिया. हालांकि, फिल्म के इस किरदार के लिए अनिल की उम्र और तजुर्बा दोनों ही कम थे लेकिन ये किस्मत की बात थी, इसी लिए अनिल कपूर ना केवाल फिल्म का अहम हिस्सा बने बल्कि फिल्म हिट भी हुई. इसी फिल्म ने अनिल कपूर भी रातोंरात स्टार बना दिया.

फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए उधार पैसे लिए

बता दें कि फिल्म ‘वो 7 दिन’ साउथ के जाने माने डायरेक्टर के भाग्यराज की बनाई हुई एक तमिल फिल्म की हिंदी रीमेक है. के भाग्यराज खुद इस फिल्म के हीरो भी थे. बोनी कपूर इस फिल्म का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे और इसके लिए वह फिल्म के राइट्स लेने वो अपने छोटे भाई अनिल कपूर के साथ चेन्नई गए. हालांकि पहली बार में ये डील नहीं हो सकी क्योंकि बोनी के पास फिल्म के राइट्स खरीदने के लिए उस समय पर्याप्त पैसे नहीं थे लेकिन उनकी किस्मत अच्छी थी. उन्हीं दिनों संजीव कुमार अपनी एक फिल्म की शूटिंग के लिए चेन्नई में ही थे. बोनी कपूर ने तब राइट्स खरीदने के लिए संजीव कुमार से पैसे उधार लिए. इसके साथ ही उन्होंने शबाना आजमी से भी कुछ पैसे लिए थे.