राजधानी में पानी की समस्या से हाहाकार मचना शुरू हो गया है। कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हफ्ते भर से पानी नहीं आया है। जिसको लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। शिमला में पानी की समस्या को लेकर नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान ने बैठक आयोजित की। उन्होंने लोगों को पानी सुचारू रूप से देने के दिशा-निर्देश जारी किए।
मानसून की शुरुआती बरसातों ने ही शिमला को पानी देने वाले स्रोतों को सिल्ट से भर दिया है। नतीजा यह है कि शिमला को 40 से 45 एमएलडी पानी हर रोज मिलता था जो घटकर 25 से 30 एमएलडी रह गया है। जिसके चलते शिमला में अघोषित राशनिंग शुरू कर दी गई है। लोगों को चार-पांच दिन के बाद पानी मिल रहा है।
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि पानी के मुख्य स्रोतों में भारी बारिश की वजह से सिल्ट आने से यह समस्या उत्पन्न हुई है, जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। 2025- 26 तक शिमला के लोगों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। क्योंकि सतलुज से पानी उठाने के साथ नये टैंक बनाए जा रहे है।