रमेश रामनाथ यादव, प्रतापगढ़। नगरीय निकाय चुनाव में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के गढ़ में कमल खिलाने के बाद भाजपा ने अब लोकसभा चुनाव में यहीं से कौशांबी की हैट्रिक लगाने की कवायद शुरू कर दी है।

पिछले सप्ताह नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह ने कौशांबी लोकसभा सीट के कुंडा और बाबागंज विधानसभा के पार्टी के पदाधिकारियों से मुलाकात करके इसके संकेत दे दिए हैं। कौशांबी सांसद विनोद सोनकर समेत पदाधिकारियों से मुलाकात के उपरांत इसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

कौशांबी में भाजपा की जीत

कौशांबी लोकसभा सीट में कौशांबी जनपद की तीन सिराथू, मंझनपुर व चायल और प्रतापगढ़ जनपद की दो कुंडा और बाबागंज विधानसभा आती हैं। पिछले दो लोकसभा चुनाव से कौशांबी में भाजपा का विजय ध्वज फहरा रहा है। पार्टी अब 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जीजान से जुटी है।

पार्टी दावा कर रही है कि इस चुनाव में वह उत्तर प्रदेश में 80 की 80 लोकसभा सीटें जीतेगी। ऐसे में एक-एक सीट के लिए जीत का समीकरण बैठाया जा रहा है। इसलिए कौशांबी लोकसभा का महत्व और भी बढ़ गया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथ से कौशांबी जनपद की तीनों विधानसभाएं निकल चुकी हैं। ऐसे में अब कौशांबी को जीतने के लिए पार्टी को अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। इसकी कवायद दिख भी रही है। इसके साथ कुंडा और बाबागंज विधानसभा पर भी नजर है।

पिछले दो लोकसभा चुनाव में कौशांबी लोकसभा सीट भाजपा के खाते में इसलिए भी गई, क्योंकि पार्टी वहां पर मजबूत थी। इसलिए उन्होंने रघुराज प्रताप सिंह का गढ़ कहे जाने वाली कुंडा और बाबागंज विधानसभा में बहुत ज्यादा ताकत नहीं लगाई।

राजा भैया के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी

निकाय चुनाव में नगर पंचायत मानिकपुर (कुंडा विधानसभा) और नगर पंचायत हीरागंज बाजार (बाबागंज विधानसभा) में कमल खिलने से पार्टी उत्साहित भी है। पिछले सप्ताह मंगलवार को मुलाकात में केंद्रीय गृहमंत्री ने यहां के पार्टी पदाधिकारियों को इन दोनों विधानसभाओं में भी जीत दर्ज करने की अग्रिम शुभकामनाएं दी हैं।

सांसद विनोद सोनकर अपने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों के साथ फिर चुनाव जीतने के लिए अपना पक्ष भी रख चुके हैं। नई दिल्ली में गृहमंत्री से मिले पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र का कहना है कि जिस प्रकार पार्टी कुंडा और बाबागंज विधानसभा में पकड़ मजबूत कर रही है, इससे तय है कि लोकसभा चुनाव में यहीं से कौशांबी लोकसभा का जीत-हार का फैसला होगा। गृहमंत्री ने भी दोनों विधानसभाओं को जीतने का मंत्र दिया है।

2009 में जीते थे रघुराज के करीबी शैलेंद्र कुमार

परिसीमन के बाद 2009 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो कौशांबी लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी शैलेंद्र कुमार जीते थे। उन्होंने बसपा प्रत्याशी गिरिश चंद्र पासी को हराया था। शैलेंद्र रघुराज प्रताप के बहुत करीबी थे, इसलिए उन्हें चुनाव जीतने में कड़ी मशक्कत नहीं करनी पड़ी थी।

2014 के लोकसभा चुनाव में भी सपा ने शैलेंद्र कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर से हार गए थे। 2019 में शैलेंद्र कुमार जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से चुनाव लड़े थे और उन्हें तीसरा स्थान हासिल हुआ था। संभावना है कि वह फिर से जनसत्ता दल से चुनाव लड़ सकते हैं।

यह मिले थे गृहमंत्री से

गृहमंत्री अमित शाह से पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र, शिव प्रकाश मिश्र सेनानी, सिंधुजा मिश्रा, मनोज तिवारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमोद मौर्या, ठाकुर प्रकाश सिंह, जिला उपाध्यक्ष राजन मिश्र, आशुतोष जायसवाल डिंपू, योगेंद्र नाथ मिश्र मौला, महेश सिंह फौजी, उदय मिश्र, सरोज त्रिपाठी, सुमन साहू, विजय पाल सरोज सहित 32 पदाधिकारी मिले थे।