पाकिस्तान: जरांवाला दंगों के कई महीने बाद भी ईसाई समुदाय में ख़ौफ़
उत्तर पूर्वी पाकिस्तान के शहर जरांवाला में चार महीने पहले ईसाई समुदाय ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की ओर से दो दर्जन गिरजाघरों और कई घरों में तोड़फोड़ का मंज़र देखा था.
उसके बाद सरकार ने उनके गिरजाघरों और मकानों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए पैसे देने का वादा किया था लेकिन अब उनका सबसे बड़ा त्योहार क्रिसमस सामने है और ईसाई समुदाय उन नुक़सानों की वजह से सदमे में हैं.
क्रिसमस कैरोल जुलूस जरांवाला की पिछली गलियों से गुज़रता है, जिसमें पारंपरिक गायक भी शामिल होते हैं. यह जुलूस चर्च से शुरू होता है, जिसमें पादरी के साथ दो ढोलची और लगभग 15-20 उत्साही गवैये शामिल हैं.
यह जुलूस अंधेरी गलियों से गुज़रता है, जहाँ लोग अपने मोबाइल फ़ोन की टॉर्च से रोशनी करते हैं और जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, हर गली और मोड़ से उसमें और लोग शामिल होते जाते हैं.
बच्चे अपने क्रिसमस के बेहतरीन लिबास में होते हैं, कुछ अपनी पसंदीदा कैरोल लाइनों को सस्वर गा रहे हैं जबकि दूसरे लोग शर्माते हुए इसमें शामिल होते हैं.