देबिना बनर्जी दोनों बेटियों की हड्डियों को लोहे-सी मजबूत करने के लिए खिलाती हैं ये चीज,
देबिना बनर्जी की पनीर परांठा रेसिपी आप भी अपने टॉडलर बच्चे के लिए बना सकती हैं। जानिए देबिना के स्टाइल में इसे बनाने का तरीका क्या है।
देबिना की फूड रेसिपीज में से आज हम आपको बता रहे हैं कि वो अपनी बेटियों के लिए पनीर का परांठा कैसे बनाती हैं और इसे हेल्दी रखने के लिए क्या-क्या करती हैं।
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पनीर परांठा बनाने का तरीका
आप रागी या नाचनी का आटा गूंथ लें और उसमें पनीर के साथ-साथ सारे मसाले डाल दें। अब इसके ऊपर थोड़ा घी लगाकर इसे गूंथ लें। आटा तैयार होने के बाद आप इसके ऊपर थोड़ा घी लगाकर इसे 10 मिनट के लिए रख दें।
अब एक लोई लें और उसे बेल कर तवे पर रखकर दोनों तरफ से अच्छी तरह से सेकें। थोड़ा ठंडा होने पर बच्चे को परांठा मसल कर खिलाना है।
ज्यादा पौष्टिक है
इस परांठे को बनाने के लिए देबिना ने गेहूं के आटे की बजाय रागी या नाचनी का आटा लेने के लिए कहा है क्योंकि वो ज्यादा पौष्टिक होते हैं। आप टॉडलर बच्चों को हाई प्रोटीन नाश्ता देने के लिए यह परांठा बना सकती हैं। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह अच्छा रहता है। बच्चों को न सिर्फ पनीर से प्रोटीन मिलेगा बल्कि रागी भी प्रोटीन से भरपूर होती है। इसमें कैल्शियम और आयरन भी होता है।
बच्चों के लिए पनीर के फायदे
आप एक साल से बड़े बच्चों के आहार में पनीर को शामिल कर सकते हैं। पनीर कैल्शियम से भरपूर होता है इसलिए इसे खाने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा पनीर में कई तरह के विटामिन भी होते हैं जो बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करते हैं।
पनीर में प्रोटीन और फैट भी होता है जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं और उसके शरीर को पोषण देते हैं।
रागी के फायदे
रागी में भी भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है जिससे बच्चों की हड्डियों को फायदा मिलता है। इससे शरीर में खून बनने में भी मदद मिलतीहै। रागी में डायटरी फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है और फाइबर बच्चे के पाचन को दुरुस्त रखता है और उसे कब्ज आदि से बचाता है। रागी में आयरन भी बहुत होता है जिससे बच्चों में एनीमिया का खतरा कम हो जाता है।