हिमाचल की शिवालिक पहाड़ियों के बीच स्थित मां नैना देवी का मंदिर काफी भव्य व चमत्कारी है। ऐसा माना जाता है कि माता के दरबार में आए भक्त कभी भी खाली हाथ नहीं लौटते। माता श्री नैना देवी को नेत्रों की देवी माना जाता है। इसलिए श्रद्धालु अपनी आंखों की सलामती के लिए माता के दरबार में मन्नत मांगते है। ऐसा ही एक किस्सा है जो इस बात का प्रमाण भी दे रहा है।
हुआ यूं कि जालंधर पंजाब के श्रद्धालु नागेश्वर जोशी का एक बड़ा एक्सीडेंट हुआ, जिसमें उनका चेहरा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। डॉक्टर ने आंखों की रोशनी सलामत रहने की उम्मीद काफी कम जताई थी। लेकिन परिवार का माता रानी के प्रति विश्वास पूरी तरह दृढ़ था। उस समय नागेश्वर जोशी के बड़े भाई राजेश्वर जोशी ने माता से मन्नत की थी कि अगर उनके भाई की आंखों की रोशनी ठीक रही तो वह माता के दरबार में चांदी के नेत्र चढ़ाएगा। चार साल बाद जब भाई ठीक हो गया और आंखों की रोशनी भी यथावत बरकरार रही तो वह अपने परिवार सहित माता के दरबार में आए और माता के चरणों में चांदी के नेत्र अर्पित किए।
अपनी आपबीती सुनाते हुए जालंधर निवासी नागेश्वर जोशी ने बताया कि उसका एक बड़ा एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें आंखों का हिस्सा पूरी तरह छिन्न-भिन्न हो गया था। डॉक्टर ने काफी कम उम्मीद जताई थी कि आंखों की रोशनी सलामत रहेगी। लेकिन माता की कृपा से उनका पूरा इलाज सफल रहा और आखिरकार उनकी आंखों की ज्योति बरकरार रही। अब परिवार सहित अपनी मन्नत लेकर वह माता के दरबार में पहुंचे। माता श्री नैना देवी के चरणों में चांदी के नेत्र अर्पित कर उनका शुभ आशीर्वाद प्राप्त किया। उनका कहना है कि अब माता के प्रति उनकी श्रद्धा व विश्वास और भी प्रबल हो गया है।