हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश से 1057 स्कूलों को नुकसान पहुंचा है। इनमें 51 स्कूल पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रदेश सरकार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त स्कूलों का प्राथमिकता के आधार पर निर्माण करेगी। इसके लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान नाचन के विधायक विनोद कुमार के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। रोहित ठाकुर ने कहा कि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त स्कूलों की चरणबद्ध तरीके से मरम्मत की जाएगी और इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट का प्रावधान किया जाएगा।
रोहित ठाकुर ने कहा कि बारिश के कारण राज्य की 541 प्राथमिक और 25 माध्यमिक स्कूलों को नुकसान पहुंचा है। मंडी जिला में सबसे अधिक 130 प्राथमिक स्कूल क्षतिग्रस्त हुए। इसी तरह कुल्लू में 87, शिमला में 65, कांगड़ा में 57, सोलन में 56, उना में 52, बिलासपुर में 26, चंबा में 23, हमीरपुर में 10 और किन्नौर में 9 प्राथमिक स्कूल क्षतिग्रस्त हुए। लाहौल-स्पीति जिले में बारिश से किसी भी स्कूल को नुकसान नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि स्कूलों के क्षतिग्रस्त होने से शिक्षा विभाग को 69.27 करोड़ का नुकसान हुआ है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि नाचन हल्के के 20 स्कूल बारिश से क्षतिग्रस्त हुए, जिससे 72 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं है। ये स्कूल कभी भी कहर बन सकते हैं और इन स्कूलों में बच्चों को बिठाना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र सिराज में भी ऐसे कई क्षतिग्रस्त स्कूल हैं, जिनमें बच्चों की पढ़ाई चल रही है।
उन्होंने जानना चाहा कि जिस क्षतिग्रस्त स्कूलों में बच्चों को बिठाने की सुविधा नहीं है और वहां स्कूलों का निर्माण भी संभव नहीं है, ऐसे स्कूलों में बच्चों के लिए क्या व्यवस्था की गई है। इस पर शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार इस बात को लेकर गंभीर है और पहली प्राथमिकता पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त स्कूलों के निर्माण की रहेगी।