एक से डेढ़ माह के भीतर ‘सिरमौर’ आ सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ये बताई जा रही वजह…

नाहन, 17 दिसंबर : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) करीब एक से डेढ़ माह के भीतर सिरमौर आ सकते हैं। इसको लेकर प्रशासनिक अमला भी अलर्ट पर है। पुख्ता जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM Sirmour) का उद्घाटन किया जा सकता है।

2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री द्वारा आईआईएम सिरमौर का उद्घाटन करने की रूपरेखा तैयार हो रही है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM NEWS NETWORK) को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक 31 दिसंबर तक संस्थान परिसर के निर्माण कार्यों को अंतिम रूप दिए जाने का खाका तैयार किया जा रहा है। एक पेचीदगी सामने आ रही है।

संस्थान को पांवटा साहिब उपमंडल के धौलाकुआं में 1010 बीघा भूमि आबंटित की गई थी। हाल ही में निशानदेही के बाद 30 बीघा भूमि कम पाई गई। जानकारी ये भी है कि संस्थान इस बात पर भी राजी है कि 30 बीघा भूमि सोलन, शिमला व सिरमौर में किसी अन्य जगह भी उपलब्ध करवाई जा सकती है। जमीन की कमी को लेकर जानकारी मिली है कि अतिक्रमण के कारण आईआईएम सिरमौर की आबंटित (Allotment) भूमि घटी है।

आपको बता दें कि तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल द्वारा आईआईएम सिरमौर का शिलान्यास 4 अगस्त 2020 को वर्चुअल माध्यम से किया गया था। इसके बाद निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। खास बात ये भी है कि धौलाकुआं में प्रधानमंत्री का ये दूसरा कार्यक्रम होगा।

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक उसी जगह पर चुनावी जनसभा को संबोधित किया था, जहां आईआईएम सिरमौर का निर्माण हो रहा है। यहीं पर प्रधानमंत्री ने आईआईएम सिरमौर के भव्य परिसर के निर्माण का जिक्र भी किया था।

बताया जा रहा है कि केंद्र से उद्घाटन के दबाव को लेकर मंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में पांवटा साहिब में भी एक बैठक आयोजित की गई थी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा में आईआईएम सिरमौर एक निजी भवन में संचालित किया जा रहा है। अधोसंरचना की कमी का असर संस्थान की रैंकिंग पर भी पड़ रहा है।

उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पांवटा साहिब के तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने कहा कि संस्थान की 30 बीघा भूमि कम पाई गई है। एक सवाल के जवाब में तहसीलदार ने माना कि प्रबंधन अन्य जगह पर भूमि उपलब्ध कराने को सहमत है।