बेटा डॉक्टर, दामाद IPS फिर भी 26 साल से फुटपाथ पर बेच रहीं किताबें, इनकी कहानी जान करेंगे सलाम

सफल महिलाओं की सूची में केवल उन महिलाओं का नाम नहीं आता जिन्होंने बिजनेस में बड़ा नाम बनाया या फिर बड़े पदों को पा गईं. इन सफल महिलाओं की सूची में वे महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने हालातों के आगे हार मानने की बजाए सड़क पर सब्जी बेचना, लोगों के घरों में काम करना, मजदूरी करना या ऐसे तमाम काम करने का फैसला किया.

संजना तिवारी की कहानी

Inspirational Story Of Sanjna Tiwari Who Runs book stall at roadside from Last 26 yearsOutlook

महिलाओं के लिए हर बार लड़ाई भूख की नहीं होती, कई बार ये लड़ाई आत्मसम्मान से लेकर खुद को साबित करने तक की भी होती है. बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली संजना तिवारी उन्हीं महिलाओं में से हैं जो तमाम सुख-सुविधाओं के बावजूद अपने शौक के लिए सड़क किनारे बैठ किताबें बेचती हैं. संजना एक ऐसी संघर्षशील महिला हैं, जिन्होंने अपने जीवन से कई महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.

परिवार में डॉक्टर से IPS तक मौजूद हैं

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न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, संजना तिवारी दिल्ली के मंडी हाउस में श्रीराम सेंटर के बाहर 26 सालों से एक छोटी सी बुक स्टॉल चलाती हैं. कोई इन्हें मां के रूप में देखता है तो कोई नई किताब वाली आंटी के नाम से इन्हें पुकारता है. अमूमन लोग यही समझते हैं कि महिलाएं ऐसा काम मजबूरी में करती हैं लेकिन संजना तिवारी के बारे में ऐसा सोचना बिल्कुल गलत होगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि इनके एक बेटा और एक बेटी हैं. इनका बेटा डॉक्टर है और बेटी PHD कर रही हैं. ये खुद एक पत्रकार पति की पत्नी हैं, जो किसी मीडिया संस्थान के एडिटर हैं. वहीं इनके दामाद IPS हैं.

खुद शौक के लिए चलाती हैं बुक स्टॉल

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कई लोग इनसे ये सवाल करते हैं कि इतनी अच्छी फैमिली बैकग्राउंड से होने के बावजूद भी वे बुक स्टॉल क्यों चलाती हैं. इस पर संजना का जवाब है कि, बुक स्टॉल चलाना उनकी मजबूरी नहीं बल्कि शौक है. वहीं बुक स्टॉल चलाने के साथ-साथ वह एक लेखक भी हैं. वह अपने शायराना अंदाज और खुशमिजाज व्यवहार से ज़िंदगी की बड़ी बड़ी बातें बहुत आसानी से समझा देती हैं.

अनोखा है बुक स्टॉल चलाने का अंदाज

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एक अच्छी भली उम्र बिताने के बाद भी संजना अकेले ही ये इस स्टॉल को चलाती हैं. इनकी स्कूटी एक चलती फिरती लाइब्रेरी है. इसी पर ये अपनी सभी किताबों को रोज लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल करती हैं. संजना जिस फोल्डिंग पर अपनी किताबें सजाती हैं, उसको भी वो रॉक स्कूटी पर ही लाती ले जाती हैं.

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न्यूज 18 की रिपोर्ट की मानें तो संजना तिवारी अपने स्टॉल पर सजे किताबों के ज्ञान को कई बड़ी-बड़ी हस्तियों तक पहुंचा चुकी हैं. जिसमें राजकुमार राव से लेकर पंकज त्रिपाठी जैसे मंझे हुए अभिनेताओं का नाम भी शामिल है. आज वह केवल महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि हर उस इंसान के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं, जो इस उम्र में भी अपने शौक को जिंदा रखना चाहते हैं.

संजना तिवारी श्रीराम सेंटर के बाहर सुबह 10 बजे से लेकर रात 9 बजे तक अपनी स्टॉल चलाती हैं. उनके पते तक पहुंचने के लिए आपको मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन तक जाना पड़ेगा, यही इनका सबसे जंडिकी मेट्रो स्टेशन है.