डायनासोर, धरती पर सबसे विशालकाय माना जाने वाला प्राणी, जो अब नहीं है. लेकिन, कई कहानियों और किवदंतियों ने उसे आज भी हमारे बीच जिंदा रखा हुआ है. हॉलीवुड फिल्मों ने भी इस प्राणी पर मूवीज़ बनाकर खूब कमाई की. वैज्ञानिक भी डायनासोर के अवशेषों की तलाश में रहते हैं, लेकिन असल में कोई नहीं जानता कि वो वक्त कैसा था जब धरती पर विशालकाय डायनासोर घूमा करते थे.
फिर भी सोचिए, कभी खुले आसमान में कहीं किसी अनजाने ग्रह पर डायनासोर के होने की ख़बर मिले? ख्याल बचकाना है और आप कह सकते हैं कल्पनाओं की हद पार ना करें, लेकिन अगर आप महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग और उनकी थ्योरी से प्रभावित हैं तो यकीन मानिए ऐसा हो सकता है. वैज्ञानिक हॉकिंग की यह थ्योरी उनकी मृत्यु के कुछ दिनों बाद सार्वजनिक की गई थी. इसमें उन्होंने कहा था कि हो सकता है कि डायनासोर आकाशगंगा के किसी कोने के किसी ग्रह में आज भी जिंदा हों… पर उन्होंने ऐसा क्यों कहा? आइए जानते हैं
डायनासोर को लेकर वैज्ञानिक हॉकिंग का दावा
स्टीफन हॉकिंग महान ब्रह्मांड वैज्ञानिक थे. ब्लैक होल थ्योरी को समझने में उन्होंने बहुत मदद की. उन्होंने मानव जीवन के पहले और आने वाले कल को लेकर बहुत से दावे किए, जिसमें से एक दावा ये था कि ब्रह्मांड में धरती जैसे और भी ग्रह हैं. गौरतलब हो कि यह उनका आखरी शोध था, जिस पर वे कई साल से काम कर रहे थे. अपनी मृत्यु के पहले तक वह इसी शोध विषय में व्यस्त थे.
1 मई 2018 को उनके रिसर्च पेपर सार्वजनिक किए गए, जिसमें यह कहा गया है कि स्टीफन अंतरिक्ष में डायनासोर के होने और मानव जीवन की संभावना तलाशने के बहुत करीब थे. उनकी इस थ्योरी को ‘जर्नल ऑफ़ हाई एनर्जी फ़िज़िक्स’ में प्रकाशित किया गया. खास बात ये है कि हॉकिंग ने इस शोध के बारे में अपनी मृत्यु के 10 दिन पहले ही खुलासा किया था.
वे अपने इस दावे पर पूरी तरह से आश्वस्त थे कि डायनासोर का अस्तित्व खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में यदि वे जीवत हैं तो ब्रह्मांड में कहीं न कहीं मानव जीवन फल फूल रहा है. ये भी कह सकते हैं कि वे अपनी पुरानी कॉस्मिक थ्योरी को और ज्यादा विस्तार दे रहे थे.
जीवन कहीं और भी है…
अमेरिकी भौतिकशास्त्री जेम्स हॉर्टल ने ब्रह्मांड के निर्माण पर रिसर्च कर दुनिया को पहली बार आकाशगंगाओं के जीवन और कालचक्र के बारे में थ्योरी दी थी. इसके बाद से स्टीफन लगातार ब्रह्मांड में जीवन की तलाश करते रहे.
1980 में हॉकिंग ने इसी विषय पर नया विचार पेश कर दुनिया को क्वांटम मैकेनिक्स थ्योरी दी. उन्होंने कहा कि शून्य से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ और फिर उसे विस्तार मिलता गया. इसके पहले अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी कहा था कि ब्रह्मांड का निर्माण 14 अरब साल पहले हुआ था. इसी तथ्य को सही ठहराते हुए हॉकिंग ने बताया कि बिग बैंग से सिर्फ़ एक ब्रह्मांड का निर्माण नहीं हुआ, बल्कि यह सिलसिला लंबे समय से जारी है और शायद यह निर्माण अभी भी चल रहा है.
उन्होंने अपने रिसर्च में हार्टल की थ्योरी को सही बताते हुए कहा कि कई ब्रह्मांड हमारे ब्रह्मांड की तरह ही हैं. वहां धरती जैसे ग्रह हैं. और अगर धरती जैसे जीवन-सर्पोट करने वाले ग्रह और हैं, तो ज़ाहिर है कि वहां जीवन भी है. जबकि, जो आकाशगंगाएं या ब्रह्मांड भौतिक रूप से अलग हैं, वहां ऐसे ग्रह मौजूद हैं जिन पर मानव जीवन अगर न भी हो, तो कम से कम डायनासोर का जीवन काल चल रहा होगा. ऐसी आकाशगंगा में सूर्य या तारों की उपस्थिति न भी हो, तब भी भौतिकी के नियम हमारे नियमों जैसे ही होंगे. हॉकिंग की इस थ्योरी को सैद्धांतिक रूप से वैज्ञानिकों से स्वीकार किया है. वैज्ञानिक हॉकिंग ने अपने साथी प्रोफ़ेसर थॉमस हर्टोग के साथ इस थ्योरी पर 20 साल काम किया और वे आगे भी इसे जारी रखना चाहते थे.
आगे भी तलाश जारी रहेगी
हॉकिंग की थ्योरी सामने आने के बाद से वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं. अब किसी और ग्रह पर मानव जीवन या धरती जैसे जीवन की तलाश तेज हो गई है. वैसे डायनासोर के आकाशगंगा के किसी ग्रह पर होने के दावे को दुनिया के बाकी वैज्ञानिक भी सही मानते हैं.
उन वैज्ञानिकों की भी कमी नहीं, जो कहते हैं कि डायनासोर धरती से पूरी तरह से गायब नहीं हुए
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भू-विज्ञान विभाग के रोजर बेन्सन का दावा है कि करीब 220 करोड़ साल पहले ही डायनासोर के शरीर में बदलाव होने लगे थे. इनमें से कई डायनासोर खुद को पक्षी के रूप में तो कुछ जलचर के रूप में बदल चुके थे. रॉयल ऑनटेरियो संग्रहालय के डेविड इवान का दावा है कि डायनासोर आज भी हमारे बीच हैं. उन्होंने अपनी शरीर में बहुत तेजी से बदलाव किया और फिर समुद्री जीव बन गए. जिसका उदाहरण ‘फ्रिल्ड शार्क’ के रूप में दिखता है. बहरहाल पृथ्वी से डायनासोर का युग खत्म हो चुका है. स्टीफन की थ्योरी सार्वजनिक होने के बाद से वैज्ञानिक अब आकाशगंगाओं के उन ग्रहों की तलाश में लग गए हैं जहां डायनासोर अब भी जिंदा हैं!