दोस्त हो तो ऐसे! Classmate के पिता गुजर गए, साथियों ने घर बनवाने के लिए इकट्ठा कर दिए 8 लाख रुपए

Kerala Students Collect Rs 8 lakh: कोई भी अच्छा काम करने के लिए जरूरी नहीं कि उम्र बड़ी हो, बल्कि नेक इरादे का होना काफी है, जिसे सच कर दिखाया है केरल के तिरुवनंतपुरम में विथुरा वोकेशनल हायर सेकेंडरी के बच्चों ने. जिन्होंने अपने क्लासमेट के पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए पैसे जुटाए और उनका घर बनवाने में मदद की.

पिता गुजर जाने का बाद घर की हालत बेहद खराब थी

Students earned Rs 8 lakh to build classmateIndia Today

तिरुवनंतपुरम के विथुरा वोकेशनल हायर सेकेंडरी में पढ़ने वाली बारहवीं कक्षा की छात्रा अंसिया ने हाल ही में अपने पिता को हमेशा के लिए खो दिया. पिता के जाने के बाद उनके परिवार में उनकी मां, दादी और एक बड़ी बहन रह गई हैं. उनके घर की हालत बहुत खस्ता थी. एक साथ चार महिलाओं का गुजर बशर करना उनके लिए परेशानी का सबब था.

अंसिया के पिता के जाने के बाद परिवार मुसीबत में था, लेकिन अंसिया के सहपाठियों से उसकी हालत नहीं देखी गई और स्कूल के छात्र इस परिवार के लिए मसीहा बनकर सामने आए. बता दें कि जब कुछ स्टूडेंट अंसिया के पिता की मौत पर उसके घर पहुंचे तो उनके घर का हाल देखकर उन्हें काफी दुःख पहुंचा. उन्होंने तभी ठान लिया कि वे सभी मिलकर अंसिया और उसके परिवार की मदद करेंगे.

India Today की एक खबर के मुताबिक, अंसिया कहती हैं कि उनके पिता का सपना था कि परिवार के लिए एक सुरक्षित घर हो, मगर पिता के जाने के बाद यह सपना अधूरा रह जाता, लेकिन हमारे बैचमेट्स और जूनियर्स ने मिलकर पिता के सपने को पूरा करने में हमारी मदद की.

दोस्तों ने घर बनवाने के लिए इकट्ठा कर दिए 8 लाख रुपए

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स्कूल की प्रधानाध्यापक मंजूषा एआर ने बताया, जब स्कूल छात्रों ने अंसिया के घर बनावाने का फैसला किया और NSS सलाहकार समिति से इसकी चर्चा की तो इस घर को 100 दिनों में पूरा करने के लिए एनएसए कार्यक्रम अधिकारी ने धन जुटाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए और अरुण हमारे एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी हैं.

अरुण और छात्रों के प्रयासों की वजह से धन जुटाया गया, हालांकि जब बच्चों ने इस नेक पहल की शुरुआत की तो सभी हैरान थे. मगर, सभी छात्रों को अंसिया के घर बनवाने के संकल्प ने उन्हें पीछे नहीं हटने दिया. कई प्लान बनाए गए. छात्र क्राउड फंडिंग के लिए तैयार नहीं थे. वे पैसा कमाकर अपने सहपाठी की मदद करना चाहते थे.

बारहवीं  में पढ़ने वाली अंसिया के दोस्त समाज के लिए मिसाल हैं

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इसके लिए छात्रों ने एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी अरुण के मार्गदर्शन में फ़ूड फेस्टिवल आयोजित किये. कुछ प्रोडक्ट्स बेचे. न्यूजपेपर चैलेंज का आयोजन किया और वर्दी आदि बेचकर आठ लाख रूपये जमा किए और अंसिया का घर बनवाने में कामयाबी हासिल की. छात्रों ने घर बनने की ख़ुशी में जश्न मनाने के लिए भी कुछ कार्यक्रम आयोजित किए. विभिन्न जगहों पर 100 पौधे लगाए. इसके साथ ही हंगर फ्री डिस्ट्रीब्यूशन के नाम से सभी कार्य दिवसों पर भोजन भी बांटे. रक्तदान शिविर का आयोजन किया, जिसमें 50 लोगों ने रक्तदान किए. कुल मिलाकर यह बच्चे लोगों के लिए मिसाल बन गए.