अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र से राशन डिपो का आवंटन हासिल करने वाला व्यक्ति सवर्ण जाति का है। मामला सामने आने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने डिपो के आबंटन को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
मजेदार बात है कि संबंधित व्यक्ति की राजस्व रिकार्ड में जाति ही गलत दर्ज हुई है। उन्होंने इसकी दुरुस्ती के लिए तहसील नालागढ़ में भी आवेदन किया है। नालागढ़ के उपमंडल की बारियां ग्राम पंचायत में एक उचित मूल्य की दुकान खोलने के लिए आवेदन मांगे गए थे। इस दुकान का आवंटन
मैरिट के आधार पर होना था।
इस डिपो के लिए 3 लोगों ने आवेदन किया। तीनों व्यक्ति 12वीं पास होने के साथ उसी वार्ड से संबंधित थे, जिस वार्ड में यह डिपो खोला जाना था। दोनों शतें पूरी करने पर तीनों आवेदकों को 10-10 अंक मिले। इसमें से 2 आवेदकों ने अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, जिसके कारण उनके अंक 13-13 हो गए। अंक बराबर होने पर 10वीं कक्षा की मैरिट को फिर आधार बनाया गया, जिसके 10वीं में अधिक अंक थे उसे उचित मूल्य की दुकान का आवंटन किया गया।
खाद्य एवं जिला नियंत्रक नरेन्द्र ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राजस्व रिकार्ड में उनकी अनुसूचित जाति है, जबकि वह सवर्ण हैं। इसे देखते हुए राशन डिपो के आबंटन को स्थगित कर दिया है।