राहुल द्रविड़ ने खड़े किए हाथ, अब नहीं रहेंगे टीम इंडिया के हेड कोच, बीसीसीआई को विकल्प भी खोज लिया

Team India Head Coach: पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के हेड कोच नहीं बने रहना चाहते। 2021 में कोच बने कॉन्ट्रैक्ट 2023 वर्ल्ड कप तक ही था। द्रविड़ ने बीसीसीआई को वजह भी बता दी है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने द्रविड़ के रिप्लेसमेंट को भी ढूंढ लिया है।

नई दिल्ली: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय टीम को वर्ल्ड कप 2023 के फाइनल में हार मिली। यह हार क्रिकेट फैंस के लिए दिल तोड़ने वाली थी। इसके साथ ही अब यह मुकाबला किसी अन्य वजह से भी याद किया जाएगा। टाइम्स ऑफ इंडिया को पता चला है कि भारतीय हेड कोच के रूप में राहुल द्रविड़ का यह आखिरी मैच था। 2021 टी20 वर्ल्ड कप के बाद द्रविड़ के हेड कोच पद की जिम्मेदारी मिली थी। उनके दो साल का कॉन्ट्रैक्ट वर्ल्ड कप के साथ ही समाप्त हो चुका है।

कोच नहीं बने रहना चाहते द्रविड़

बीसीसीआई के कई सूत्रों ने पुष्टि की कि महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम के मुख्य कोच नहीं बने रहना चाहते हैं। उन्होंने बीसीसीआई को भी इस बारे में सूचित कर दिया है। द्रविड़ का पद भारतीय टीम में उनके पूर्व बल्लेबाजी सहयोगी और करीबी दोस्त वीवीएस लक्ष्मण को मिलना तय है। एनसीए के हेड लक्ष्मण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रही 5 मैचों की टी20 सीरीज में टीम इंडिया के हेड कोच की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले ही द्रविड़ की अनुपस्थिति में वह कई मौकों पर हेड कोच की भूमिका निभा चुके हैं।

बीसीसीआई अधिकारी से मिले लक्ष्मण

सूत्र ने लक्ष्मण को लेकर कहा, ‘लक्ष्मण ने इस नौकरी के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की है। विश्व कप के दौरान लक्ष्मण ने इस संबंध में बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से मिलने के लिए अहमदाबाद पहुंचे थे। उन्हें टीम इंडिया के कोच के रूप में लंबा कॉन्ट्रैक्ट मिलने की संभावना है। अगले महीने होने वाला दक्षिण अफ्रीका दौरा के नियमित हेड कोच के रूप में उनका पहला दौरा हो सकता है।

सूत्र के अनुसार राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई को बताया है कि वह विश्व कप के बाद पूर्णकालिक कोच बने रहने के इच्छुक नहीं हैं। लगभग 20 वर्षों तक उन्होंने एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम के साथ ट्रैवल किया है। पिछले कुछ वर्षों से फिर वह ऐसा कर रहे हैं लेकिन अब आगे नहीं करना चाहते। वह एनसीए में प्रमुख बनने के लिए तैयार हैं, जो उन्हें अपने होमटाउन बेंगलुरु में है। पहले की तरह, उन्हें गिने चुने मौकों पर टीम को कोचिंग देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से पूर्णकालिक कोच के रूप में नहीं।

अन्य सपोर्ट स्टाफ का क्या होगा?

एक अन्य सूत्र ने टीओआई को बताया कि पूर्व भारतीय कप्तान पहले से ही अपने भविष्य के विकल्पों पर विचार कर रहे थे। सूत्र ने खुलासा किया, ‘वह दो साल के बड़े अनुबंध के लिए एक आईपीएल टीम के साथ बातचीत कर रहे हैं।’

भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ के अन्य सदस्यों का अनुबंध भी विश्व कप के साथ समाप्त हो गया था। इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि उन्हें जारी रखा जाएगा या नहीं। विक्रम राठौड़ भारत के बल्लेबाजी कोच, पारस म्हाम्ब्रे गेंदबाजी कोच और टी दिलीप फील्डिंग कोच थे।