हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य अध्यक्ष गोपाल दास वर्मा ने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि कर्मचारियों की बैसाखियों पर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार बनाई थी। उन्हें चुनावों के समय में बहुत से सब्ज बाग दिखाए थे। लेकिन जैसे ही कांग्रेस सत्ता में आई वह अपने सभी वायदे भूल गई। कर्मचारी आयोग को भंग कर दिया। जिसकारण प्रदेश में बेरोज़गारों की फ़ौज बढती जा रही है। प्रदेश में कर्मचारी बेहद परेशान है। अगर यही हालात रहे तो आने वाले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस लोकसभा चुनावों में चारों खाने चित हो जाएगी क्योंकि इस बार कांग्रेस का साथ कर्मचारी कतई नहीं देंगे।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व राज्य अध्यक्ष गोपाल दास वर्मा ने कहा कि कर्मचारी आयोग को भंग कर ट्रिब्यूनल को बहाल कर अपने चेहतों को नौकरी देने का प्रयास किया जा रहा है। वहीँ कर्मचारियों को ओपीएस तो दूर की बात डीए देने के लिए राशि नहीं है। कांग्रेस नेताओं को जब पता था कि सरकार के खजाने खाली है तो दस गारंटियां उनके द्वारा क्यों दी गई थी। सरकारी खजाने खाली थे तो डिप्टी सीएम और छे सीपीएस उनके द्वारा क्यों बनाए गए। जिस से साफ़ जाहिर होता है कि सरकार की मंशा ठीक नहीं थी। वह केवल वोट की राजनीति कर रहे थे।