किसी एक खास वजह से बनाई गई कई चीजें, आज अन्य लोगों के लिए एक बड़ा ब्रांड बन चुकी हैं. उदाहरण के लिए ओल्ड मोंक रम को ही ले लीजिए. जिसके लिए कहा जाता कि इसे एक ब्रिगेडियर ने फौजियों के लिए बनाया था, और आज देखिए, आम जनता के बीच ये ब्रांड मशहूर है. रॉयल इंफील्ड बाइक के लिए भी यही कहा जाता है कि इसे सैनिकों के लिए बनाया गया था, मगर ये आज लगभग हर दूसरे युवा की पसंद है. चश्मे के सबसे मशहूर ब्रैंड रे-बैन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
पायलटों के लिए बनाया गया था Ray-Ban
Christmas caroling with a Ray-Ban twist 🎸 pic.twitter.com/lceXgKb2Yn
— Ray-Ban (@ray_ban) December 25, 2022
आज लोगों के बीच लोकप्रिय हो चुका ये चश्मे का ब्रांड 20वीं सदी की शुरुआत में एयरफोर्स के पायलटों के लिए बनाया गया था. ये वो दौर था जब एयरफोर्स के पायलटों को माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से भी ऊपर विमान उड़ाने की इजाजत मिल गई. ऊंची उड़ान भरना तो इनके लिए रोमांचक था लेकिन 30 हजार फुट से अधिक ऊंचाई पर समस्या उस समय आने लगती थी जब सूरज की किरणें सीधे पायलट की आंखों में पड़तीं.
Ray-Ban के नाम के पीछे की कहानी
पायलटों की शिकायत थी कि सूरज की चमक सिर में दर्द होने लगता है. इसके समाधान के रूप में लेदर की हुडी के साथ फर वाले चश्मे लगाने की शुरुआत हुई लेकिन इससे कोई राहत नहीं मिली. बाद में विमान चलाते हुए पायलट को सूरज की किरणों से बचाने के लिए खास चश्मे ईजाद किए गए. पायलटों के लिए बनाए गए इन चश्मों को एविएटर नाम दिया गया. इन चश्मों को रे यानी किरणों को बैन यानी रोकना के लिए बनाया गया था, इसलिए इसे रे-बैन कहा गया.
DID YOU KNOW
In 1929, US Army Air Corps Colonel Macready worked with Bausch & Lomb, NY-based medical equipment manufacturer, to create aviation sunglasses that would reduce the distraction for pilots caused by the intense blue & white hues of the sky. That’s how Ray Ban was born
— Varinder Bansal 🇮🇳 (@varinder_bansal) June 15, 2022
बात करें इन खास चश्मों के आविष्कार की तो इसे बनाने का आइडिया अमेरिकी वायु सेना के कर्नल मैकरेडी को आया था. उन्हें उन्होंने जब विमान उड़ाते हुए बार बार सूर्य की किरणों से परेशानी हुई तो उन्होंने इन खास चश्मों के आइडिये को ऑप्टिशियन जॉन बॉस के साथ साझा किया. जॉन बॉस को ये आइडिया पसंद आया और उन्होंने इसे एक मौके की तरह देखते हुए, इस आइडिया को कारोबार में बदल दिया. इसके बाद 1929 में जॉन बॉश ने अपने बिजनेस पार्टनर लॉम्ब के साथ मिलकर रे-बैन नामक कंपनी शुरू की.
सैनिकों के बीच हुई लोकप्रिय
#MeAt20 Just loved the 1970’s! Long hair, cheesecloth shirt, ray ban pilots sunglasses, Austin 1100, flairs….what’s not to love? pic.twitter.com/XOkqq3U7Ib
— David Fothergill (@DJAFothergill) April 17, 2020
शुरुआती विज्ञापनों में ही इसकी ब्रैंडिंग आंखों को सुरक्षा देने वाले साइंटिफिक चश्मों के तौर पर की गई. इसके बाद 1937 में एंटी ग्लेयर आइवियर को मार्केट में पेश किया. फिर मेटल फ्रेम की शुरुआत हुई और समय के साथ ये कंपनी फेमस होने लगी थी, लेकिन ये चश्में दुनिया भर में लोकप्रिय तब होने लगे जब द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों ने इनका प्रयोग किया. जनरल डगलस मैकआर्थर ने भी रे-बैन का चश्मा लगाया. सैनिकों के जरिए इसकी दुनियाभर में ब्रैंडिंग हुई और कंपनी ने भी सप्लाई घटने नहीं दी. रे-बैन की इस रणनीति ने उसे दुनियाभर में फेमस बना दिया.
Tom Cruise ने दिवालिया होने से कैसे बचाया?
Tom Cruise’s career saved Ray-Bans from extinction. Business was tanking in the 70s, so Ray-Ban signed a product placement deal for 60 films. Risky Business, Top Gun, and Rain Man all had Cruise wearing Wayfarers and Aviators, and sales went through the roof. pic.twitter.com/kFMRJH2xJC
— Mamas Uncut (@MamasUncutQA) July 9, 2018
देखते ही देखते ये चश्में पहले पायलट, फिर सैनिकों और फिर आम लोगों की पहुंच तक आ गए. धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई. फिर आया वो दौर जब इन चश्मों की मांग एक दम से कम होने लगी. 1981 में रे-बैन के चश्मों की सेल 18 हजार यूनिट तक आ गई थी. हालत ऐसे थे कि कंपनी के दिवालिया होने की नौबत आ गई थी. प्रोडक्शन रोकने का फैसला भी ले लिया गया. लेकिन तभी एक चमत्कार देखने को मिला.
युवाओं की खास पसंद बना Ray-Ban
Back in the early ‘80s, Ray Ban brand sunglasses were struggling financially, only selling about 18,000 pairs annually.
But in 1986, Tom cruise donned the Ray Ban aviator’s sunglasses in the “Top Gun” film. pic.twitter.com/LB8SpExagu
— Israel Kolawole (@_israelkola) June 6, 2022
रे-बैन की डूबती नैया को ऐसा खेवैया मिला जिसने इसे पहले से भी ज्यादा कामयाबी पर पहुंचा दिया. इस डूबती कंपनी को बचाने वाले मसीहा बने हॉलीवुड एक्टर टॉम क्रूज. टॉम क्रूज ने 1983 में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘रिस्की बिजनेस’ में रे-बैन का वेफेरर चश्मा पहना. बस इतना करने की देर थी और इसी साल रे-बैन की सेल्स में 40% बढ़ गई. आंकड़ा 18 हजार यूनिट से तीन लाख 60 हजार यूनिट तक पहुंच गया. इसके बाद 1986 में आई फिल्म ‘टॉप गन’ और मई 2022 में रिलीज हुई फिल्म ‘टॉप गन मैवरिक’ के बाद भी रे-बैन की सेल में अचानक बढ़ोतरी हुई.