Pakistan Hijra Festival: Pakistan में पहली बार मना Hijra Festival, Transgenders ने लगाया नारा- ‘तेरा बाप भी देगा आज़ादी’

एक तरफ जहां भारत में क्रिकेट से लेकर अन्य अन्य त्योहारों का जश्न मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारा पड़ोसी मुल्क एक खास तरह का त्योहार बना रहा है. हालांकि इस त्योहार को जश्न नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये एक समुदाय की पीड़ा को दर्शाने के लिए मनाया जा रहा है. दरअसल, पाकिस्तान में Hijra Festival नामक त्योहार मनाया जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में ट्रांसजेंडर शामिल हुए हैं.

पाकिस्तान में मनाया गया Hijra Festival

स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह फेस्टिवल पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर समुदाय की मुश्किलों के बारे में लोगों को बताने के उद्देश्य से मनाया गया. कई ट्रांसजेंडर गुरुओं के साथ साथ आम लोगों ने भी इस फेस्टिवल में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. ट्रांसजेंडर गुरुओं को बग्गी पर बिठाया गया. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और महिलाओं के साथ साथ ट्रांसजेंडर समुदाय भी बराबरी के हक के लिए लड़ रहा है. पाकिस्तान के पहले ट्रांस मॉडल, पहले ट्रांस डॉक्टर और पहले ट्रांस वकील ने कराची शहर में इस कार्यक्रम का आयोजन किया.

‘तेरा बाप भी देगा आजादी’ के लगे नारे

फेस्टिवल के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग हाथों में पोस्टर लिए सड़कों पर निकले. उन्होंने इन पोस्टर्स के माध्यम से अपनी बात दुनिया के सामने रखी. इस दौरान इन्होंने ‘ट्रांसजेंडर्स को न्याय दो’ और ‘तेरा बाप भी देगा आजादी’ जैसे नारे लगाए.

 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्रांसजेंडर्स का कहना है कि इन्होंने उन लोगों से सीखा जिनके साथ इन्हीं की तरह अत्याचार हो रहा था. खासतौर पर महिलाओं के प्रदर्शन से सीखने को मिला कि अगर दुनिया को अपनी बात सुनानी है तो घरों से निकलकर बाहर आना ही पड़ेगा.

ट्रांसजेंडर्स ने इस फेस्टिवल के बारे में क्या कहा?

इस पाकिस्तानी ट्रांसजेंडर समुदाय का कहना है कि अब ट्रांसजेंडर भी शिक्षा हासिल कर रहे हैं. वे किसी से कम नहीं हैं. पाकिस्तान के ट्रांसजेंडरों का कहना है कि इनके साथ समाज में होने वाले अत्याचार की वजह से समुदाय के बहुत से लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इन्होंने अपना गाना ‘हम हिजड़े हैं’ भी रिलीज किया. बताया जाता है कि पाकिस्तान में बड़े स्तर पर ट्रांसजेंडरों के साथ अत्याचार होता है. मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि उन्हें काफी प्रताड़ित किया जाता है. खासतौर पर देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ट्रांसजेंडर्स को और भी ज्यादा दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं.