बरसात के मौसम में भारी बारिश के कारण आई आपदा से मंडी जिला में 389 स्कूलों को नुकसान पहुंचा है। इनमें से 25 स्कूलों के भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 364 स्कूलों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है। सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों की संख्या 57 है, जिसमें से 5 स्कूलों के भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 52 स्कूलों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है।
मिडल और प्राइमरी स्कूलों की संख्या 332 है, जिसमें से 3 मिडिल स्कूल और 17 प्राइमरी स्कूलों के भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 312 स्कूल भवनों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इन सभी स्कूलों का संचालन अब अस्थाई भवनों में किया जा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को लेकर आ रही है। सीनियर सेकेंडरी स्कूल बागी कटौला, ग्रामीणों द्वारा बनाए गए अस्थायी कमरों में चल रहा है। यहां शिक्षा विभाग को जमीन मिल गई है और सीएसआर के तहत यहां स्कूल के लिए फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर बनने जा रहा है।
वहीं, घ्राण स्कूल किराए पर लिए दो भवनों में चल रहा है और यहां दानी सज्जन ने स्कूल निर्माण के लिए जमीन दे दी है। देवरी स्कूल का भवन भी टेम्परेरी तौर पर हायर किए गए भवन में चल रहा है। यहां स्कूल के टूटे भवन को दुरुस्त करने के लिए डीसी मंडी ने 25 लाख की धनराशि जारी कर दी है। खोलानाल स्कूल स्वास्थ्य विभाग के भवन में चल रहा है जबकि कथोग का स्कूल प्राइमरी स्कूल के कुछ कमरों में संचालित हो रहा है। इसी तरह 3 मिडल स्कूल और 17 प्राइमरी स्कूलों को भी किसी न किसी तरह से टेम्परेरी अरेंजमेंट करके चलाया जा रहा है।
शिक्षा उप निदेशक मंडी अमर नाथ राणा ने बताया कि स्कूलों की सारी जानकारी विभाग के माध्यम से सरकार तक पहुंचा दी गई है। भवनों को फिर से बनाने के लिए जैसे-जैसे जो-जो व्यवस्था बनेगी, उसी तरह से इसका निर्माण किया जाएगा।