भजन-कीर्तन से गूंज उठें मोहल्ले से लेकर गांव तक… रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान मंदिर ट्रस्‍ट की अपील

अयोध्या में प्रभु रामलला के नवनिर्मित विग्रह को 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर दिया जाएगा। इस अवसर पर लोगों से आपील की गई है कि वे अपने पास पड़ोस के लोगों को एकत्रित कर भजन कीर्तन आरती पूजा शंखनाद हनुमान चालीसा सुंदर कांड का पाठ और श्रीराम जय जय राम का विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक पाठ करें।

अयोध्‍या: प्रभु रामलला के नवनिर्मित विग्रह को 22 जनवरी को पौष शुक्‍ल द्वादशी विक्रम संवत्2080 के शुभ मूहूर्त में श्री राम जन्‍मभूमि पर बन रहे भव्‍य मंदिर के भूतल के गर्भ गृह में विराजित कर प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाएगी। अयोध्‍या में प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम उस दिन 11 बजे से 1 बजे अपरान्‍ह तक चलेगा। यह जानकारी मंदिर ट्रस्‍ट के महासचिव चंपत राय ने दी। इसके साथ ही उन्‍होंने सभी से इसे आनंदोत्‍सव के तौर पर अपने घरों, मोहल्‍लों और गांवों के मंदिरों में मनाने की अपील की है।
चंपत राय ने आम हिंदू समाज से अनुकूल समय पर रामलला के दर्शन के लिए भी अयोध्‍या आने की अपील की है। उन्‍होंने बताया कि अयोध्‍या में पीएम मोदी की मौजूदगी में होने वाले प्राणप्रतिष्‍ठा के कार्यक्रम का दूरदर्शन पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। इसके साथ ही अन्‍य न्‍यूज चैनल से भी यह कार्यक्रम प्रसारित किया जाएगा, जिसे लोग घर बैठे टीवी पर देख सकेंगे।

उन्‍होंने विश्‍व भर के लोगों से अपील की है कि वे इस अवसर पर अपने पास पड़ोस के लोगों को एकत्रित कर भजन कीर्तन आरती पूजा शंखनाद हनुमान चालीसा सुंदर कांड का पाठ और श्रीराम जय जय राम का विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक पाठ करें। जिससे सारे देश का वातावरण राम मय हो जाए। चंपत राय ने विश्‍व भर के करोड़ों राम भक्‍तों से अपील की है कि 22 जनवरीअपने 2024 को प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम संपन्‍न होने के बाद अपने घरों पर दिये जला कर दीपोत्‍सव मनाएं।

इस अपील का पत्रक जाएगा 5 लाख गांवों में
चंपत राय की अपील का प्रपत्र छपा है जो अक्षत के साथ 45 प्रांतों में करीब 5 लाख गांवों में वितरित किया जाएगा। अक्षत पूजन का कार्यक्रम 5 नवंबर को राम जन्‍मभूमि मंदिर परिसर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी प्रांतों के प्रतिनिधि बुलाएं गए हैं। उन्‍होंने ने आम जन को प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम के बाद सपरिवार राम लला का दर्शन के लिए अयोध्‍या आने का आग्रह भी किया है।

मंदिर ट्रस्‍ट के महासचिव ने अपने अपील के प्रपत्र में भव्‍य राम मंदिर के बारे में विस्‍तृत जानकारी भी दी है। ऐसा बन रहा है राम मंदिर –

– नागर शैली में बना है मंदिर

– मंदिर की लंबाई पूर्व पश्चिम 180 फुट चौड़ाई 250 फुट उंचाई 161 फुट।

– तीन मंजिला है मंदिर जिसके प्रत्‍येक मंजिल की उंचाई 20-20 फुट

– भूतल के गर्भ गृह में राम लला, दूसरे तल मे राम दरबार

– मंदिर में कुल पांच मंडप -, नृत्‍य मंडप ,गूढ मंडप, रंग मंडप प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप बने हैं।

– खंभों व दीवारों पर करीब 4 हजार देवी देवताओं की मूर्तियां उकेरी रहेंगी।

– 32 सीढि़यां चढ कर सिंहद्वार से प्रवेश मिलेगा ।

– दिव्‍यांग जनों और बुजुर्गो के लिए रैंप और लिफ्ट की है व्‍यवस्‍था।

– मंदिर के चारों ओर साढे 4 मी की चौडा़ई में 732 मी लंबा परकोटा, जिसके चारों कोनों पर भगवान सूर्य शंकर गणपति देवी भगवती के मंदिर बनेगें। परकोटा के दक्षिणी भुजा में हनुमान जी और उत्‍तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा के मंदिर रहेंगे।

– परकोटा के बाहर हिस्‍से में भी महर्षि वाल्‍मीकि, वशिष्‍ट, विश्‍वामित्र अगस्‍त्य, निषादराज, माता शबरी और अहिल्या जी के मंदिर प्रस्‍तावित हैं। कुबेर टीला पर शिव मंदिर और जटायू की प्रतिमा रहेगी ।