‘हौले हौले साजना धीरे-धीरे बालमा, ओ हो हो ममम हमम हमम हमम’….ये गाना आपने रेडियो, टीवी, या कहीं और सुना हो या न हो. लेकिन दो बच्चों को ये गाना गाते जरूर सुना होगा. वीडियो लाइक और शेयर भी किया होगा. बच्चों को गाना उनके मम्मी पापा, या म्यूज़िक टीचर ने सिखाया होगा. क्योंकि ये उनके ज़माने का गाना नहीं है. 90 के दशक में एक फ़िल्म आई थी जो बॉक्स ऑफ़िस पर बुरी तरह पिट गई थी. आज उस फ़िल्म को ‘कल्ट कॉमेडी फ़िल्म’ का दर्जा दिया जाता है. ये गाना भी उसी फ़िल्म का गाना है, ये फ़िल्म थी Andaz Apna Apna.
1. बॉक्स ऑफ़िस पर बुरी तरह फ़्लॉप
निर्देशक राज कुमार संतोषी ने ‘घायल’ और ‘दामिनी’ निर्देशित की थीं. ये फ़िल्म सुपर हिट साबित हुईं. इसके बाद उन्होंने थोड़ी लाइट मोड वाली फ़िल्म बनाने का निर्णय लिया. कार्टून कैरेक्टर्स टॉम ऐंड जेरी को रियल लाइफ़ देने की कोशिश करते हुए दो दोस्तों की कहानी को पर्दे पर उतारने की कोशिश की. गौरतलब है कि ‘अंदाज़ अपना अपना’ बुरी तरह फ़्लॉप हो गई. केबल टीवी पर रिलीज़ होने के बाद दर्शकों ने फ़िल्म की काफ़ी तारीफ़ की. आगे चलकर इस फ़िल्म को कल्ट मूवी का दर्जा मिला लेकिन रिलीज़ के बाद इसे दर्शकों ने नकार दिया था.
2. फ़िल्म को पूरे होने में लगे तीन साल
जिन लोगों ने ‘अंदाज़ अपना अपना’ घोलकर पी लिया है, उन्होंने गौर किया होगा कि फ़िल्म में कुछ एक्टर्स के हेयरकट्स काफ़ी बदले हैं. इसकी वजह है कि फ़िल्म को बनने में तीन साल लगे. फ़िल्म की शूटिंग 1991 में ही शुरू हो गई थी. ओरिजिनल प्लान और सलमान, रवीना और करिश्मा ने जो डेट्स दिए थे उसके मुताबिक फ़िल्म 6-8 महीने में पूरी होनी थी लेकिन इसे बनने में 3 साल लग गए. शेड्यूल्ड प्लान में काफ़ी फेर-बदल करना पड़ा क्योंकि सलमान, रवीना और करिश्मा उस ज़माने के स्टार्स थे और वो डेट्स नहीं दे पा रहे थे.
3. एक-दूसरे से बात नहीं करते थे एक्टर्स
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कॉमेडी फ़िल्म के एक्टर्स ही आपस में बात-चीत नहीं करते थे. आमिर ख़ान और सलमान ख़ान की बात-चीत बंद थी. रवीना टंडन और करिश्मा कपूर भी एक-दूसर से बात नहीं करते थे. कुछ फ़िल्मी पंडित ये भी बताते हैं कि आमिर ख़ान सेट पर काफ़ी प्रैंक्स करते थे, सीन शूट करने के दौरान एक्टर्स काफ़ी हंसते थे लेकिन आपस में बात-चीत न के बराबर करते थे.
4. फ़िल्म के मुहुर्त में सचिन तेंदुलकर आए थे
फ़िल्म के मुहुर्त में लेजेंड्री क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर आए थे. कुछ फ़िल्मी जानकारों का कहना है कि ‘अंदाज़ अपना अपना’ की कॉमेडी ‘वक़्त से काफ़ी आगे’ थी. दर्शकों और क्रिटिक्स को कॉमेडी समझ ही नहीं आई. कुछ फ़िल्मी पंडित इस फ़िल्म की कॉमिक टाइमिंग और सीन्स के दाद देते नहीं थकते. फ़िल्म की शुरुआत में ही एक सीन में आमिर ख़ान का किरदार ‘अमर’ एक लंबे से आदमी से बात-चीत करता नज़र आता है. बात-चीत के दौरान चालाकी से अमर अपनी बीड़ी उस शख़्स दो दे देता है और सिगरेट ले लेता है. इस तरह के कई सीन्स हैं जिनकी कॉमिक टाइमिंग की काफ़ी तारीफ़ होती है.
फ़िल्म में कल्ट फ़िल्मों का रेफ़रेंस देकर ह्यूमर जेनरेट करने की कोशिश की गई है. रवीना टंडन और करिश्मा कपूर का रियल नेम यूज़ किया गया है.
5. ‘दामिनी’ के सेट पर आमिर को ऑफ़र हुई थी फ़िल्म
राज कुमार संतोषी ‘दामिनी’ की शूटिंग कर रहे थे. ‘दामिनी’ में आमिर ख़ान का कैमियो था. संतोषी और ऋषि कपूर ‘अंदाज़ अपना अपना’ पर बात-चीत कर रहे थे. ‘दामिनी’ की शूटिंग के दौरान ही संतोषी ने आमिर ख़ान को फ़िल्म ऑफ़र की और वो फ़िल्म में काम करने को राज़ी हो गए.
6. सलमान ख़ान और आमिर ख़ान की इकलौती फ़िल्म
आमिर ख़ान और सलमान ख़ान ने सिर्फ़ एक ही फ़िल्म में साथ काम किया है. ‘अंदाज़ अपना अपना’ के बाद दोनों कभी साथ नज़र नहीं आए. एक इंटरव्यू में आमिर ख़ान ने बताया कि सलमान ख़ान सेट पर काफ़ी देर से आते थे. इस वजह से आमिर ने फिर कभी सलमान के साथ काम नहीं किया. हालांकि अब दोनों के बीच दोस्ताना है.
7. दो तमिल फ़िल्मों से प्रेरित है ‘अंदाज़ अपना अपना’?
फ़िल्मी जानकारों के अनुसार ‘अंदाज़ अपना अपना’ के कई सीन्स दो तमिल फ़िल्मों से प्रेरित हैं. एक सीन में आमिर ख़ान के कैरेक्टर ‘अमर’ की याद्दाश्त चली जाती है. ‘प्रेम’ (सलमान ख़ान) डॉक्टर बनकर आता है और साथ में कारपेंटर के औज़ार लेकर पहुंचता है. ये सीन 1966 में आई तमिल फ़िल्म Thenmazhai से प्रेरित है.
एक सीन में ‘अमर’ के मैच की कहानी सुनाता है और ज़हरीले शरबत के गिलास की अदला-बदली हो जाती है. ये सीन 1969 में आई तमिल फ़िल्म ‘Adimai Penn’ से प्रेरित है.
8. महमूद, जगदीप और देवेन वर्मा जैस वेटेरन एक्टर्स नज़र आए
‘अंदाज़ अपना अपना’ में कई वेटेरन एक्टर्स छोटे-छोटे रोल्स में नज़र आए. ‘वाह वाह प्रोडक्शन्स’ के मालिक ‘जॉनी’ का रोल महमूद ने किया. देवेन वर्मा ने ‘अमर’ के पिता का रोल किया. और जगदीप ने ‘प्रेम’ के पिता का. कहते हैं राज कुमार संतोषी के पिता के लिए ड्राइवर का काम करते थे महमूद. संतोषी महमूद की बहुत इज़्ज़त करते थे और ये रोल उन्होंने इसी वजह से बनाया.