शारदीय नवरात्रों के दौरान हिमाचल प्रदेश के विख्यात शक्तिपीठों व ऐतिहासिक देवी मंदिरों में नमन हेतु आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी उछाल देखा गया।
प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवरात्रों के दौरान नौ दिनों में 12 लाख 72 हज़ार श्रद्धालुओं ने शक्तिपीठों और प्रमुख देवी मंदिरों में शीश नवाया है। इनमें हिमाचल के अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी शामिल हैं। बिलासपुर जिला के श्री नैना देवी में सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। यहां 3 लाख 34 हज़ार 610 श्रद्धालुओं ने शीश नवाया।
इसी तरह सिरमौर जिला स्थित माता बाला सुंदरी में 2 लाख 91 हज़ार श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। ऊना जिला के चिंतपूर्णी शक्तिपीठ में 1 लाख 37 हज़ार 137, कांगड़ा जिला के ज्वालाजी शक्तिपीठ में 1 लाख 36 हज़ार 300, ब्रजेश्वरी मंदिर में 1 लाख 31 हज़ार 549 और चामुंडा देवी में 1 लाख 11 हज़ार 160 और बगलामुखी में 31 हज़ार 993 श्रद्धालुओं ने शीश नवाया।
शिमला जिला के ऐतिहासिक मंदिरों में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। हाटकोटी मंदिर में 44 हज़ार 400, तारादेवी मंदिर में 28 हज़ार 700 और कालीबाड़ी मंदिर में 25 हज़ार 200 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस दौरान प्रदेश के शक्तिपीठों और मंदिरों में 96 हज़ार से अधिक वाहनों का आवागमन रहा।
राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि नवरात्र पर्व के दौरान पुलिस ने बेहतरीन पेशेवर तरीके से काम किया जिस कारण शक्तिपीठों में भारी संख्या में आये श्रद्धालुओं ने निडर होकर शीश नवाया और अपनी यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न किया। इस दौरान कोई भी सड़क दुर्घटना, अन्य दुर्घटना और श्रद्धालुओं को कोई भी जान-माल की हानि नहीं हुई। श्रद्धालुओं के भारी उत्साह को देखते हुए पुलिस द्वारा इन शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।