Tata 407 डिजाइन करने वाला वो मैकेनिकल इंजीनियर, जिसने IPS अधिकारी बन अपराधियों को सिखाया सबक

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आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा को उत्तर प्रदेश पुलिस के नए कार्यवाहक डीजीपी बने हैं. उन्हें कार्यवाहक डीजपी देवेंद्र सिंह चौहान की जगह ये जिम्मेदारी सौंपी गई है. आईपीएस डीएस चौहान और आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा 1988 बैच के पुलिस अधिकारी हैं. आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा के आईपीएस बनने की यात्रा भी काफी दिलचस्प है.

इंजीनियरिंग में पीएचडी कर चुके हैं विश्वकर्मा

IPS Rajkumar Vishvkarma Twitter

राजकुमार विश्वकर्मा यूपी के जौनपुर जिले के मूल निवासी हैं. वह इस पद को प्राप्त करने से पहले पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के महानिदेशक और अध्यक्ष थे. वह 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल के बाद यूपी कैडर के दूसरे सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं. जिनका कार्यकाल 31 मई 2023 तक है. आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा ने आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में एमटेक और यहीं से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की है.

किया था टाटा 407 डिजाइन

rajkumar vishwakarma up police dgp Success Story Twitter

एक समय टाटा की भार ढोने वाली गाड़ी टाटा 407 का बहुत चलन चला था. इस गाड़ी की पवार को लोग मिसाल के तौर पर प्रयोग करते थे. दरअसल, इस भार ढोने वाली गाड़ी का आईपीएस राजकुमार विश्वकर्मा से गहरा संबंध है. बता दें कि आइपीएस राजकुमार विश्वकर्मा ने करीब ढ़ाई साल तक टाटा मोटर्स में काम किया है. ये वो समय था जब उन्होंने भार ढोने वाली टाटा की मशहूर गाड़ी टाटा 407 को भी डिजाइन किया.

आईपीएस आरके विश्वकर्मा ने पुलिस सेवा में भी अपने इंजीनियरिंग बैकग्राउंड का प्रभाव दिखाया है. अपर पुलिस महानिदेशक रहते हुए उन्होंने पुलिस तकनीकी सेवा में तैनाती के दौरान पुलिस विभाग के कंप्यूटराइजेशन में अहम भूमिका निभाई. ऑनलाइन एफआईआर, चार्जशीट, केस डायरी सभी कंप्यूटराइज किया. लॉस्ट एंड फाउंड सर्विस जैसे कई मोबाइल एप लॉन्च करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही.

अपराधियों को लेकर हमेशा रहे सख्त

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आरके विश्वकर्मा अपने सख्त रवैये के कारण भी जाने जाते हैं. उन्हें लखनऊ में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एएसपी) के बाद एसपी सिटी, मेरठ और एसपी देहात, मेरठ के पद पर शुरुआती पोस्टिंग मिली. ये बस्ती, फर्रुखाबाद, फैजाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, अलीगढ़, मुरादाबाद, एटा, मैनपुरी, आगरा और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में एसएसपी रहे. एटा, मैनपुरी, आगरा में पुलिस कप्तान रहने के दौरान विश्वकर्मा ने फिरौती के लिए अपहरण करने वाले अपराधियों के प्रति बेहद सख्त रवैया अपनाया था.