अपनी ऐतिहासिक इमारतों के लिए जाने जाने वाले राजस्थान में एक से बढ़ कर एक ऐतिहासिक किले हैं, जो इस प्रदेश की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग यहां स्थित खूबसूरत किलों को देखने आते हैं. और तो और राजस्थान में कई आवासीय होटल भी किलों की तर्ज पर ही बनाए गए हैं जिससे कि पर्यटक इसकी तरफ आकर्षित हो सकें.
बिना पैसे दिए इस किले में रहते हैं लोग
बता दें कि राजस्थान में 5 किले युनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हैं. जैसलमेर का किला भी इन्हीं में से एक है. किले में पटवाओं की हवेली, नथमल की हवेली, सलाम सिंह की हवेली जैसी कुछ आकर्षक हवेलियां भी शामिल हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में ऐसे कुछ ही किले हैं जहां राजपुताना और इस्लामी शैली एक साथ देखने को मिले.
इनके पूर्वज यहीं रहते थे
जैसलमेर के इस किले के निर्माण को 800 साल हो चुके हैं. आज भी इस किले में 2 हजार से 4 हजार लोग रहते हैं. कमाल की बात ये है कि इन लोगों को यहां रहने के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ता. जिस किले को देखने के लिए लोग लाखों खर्च कर विदेश से आते हैं वहां रहने के लिए बहुत से लोगों को एक पैसा भी नहीं देना पड़ता. ऐसा इसलिए है क्योंकि इन लोगों के पूर्वज पहले इस किले में रहा करते थे. बताया जाता है कि उस समय के राजाओं ने यहां रहने वाले लोगों के पूर्वजों को उनकी सेवा के बदले जमीन दी थी.
किसने बसाया था ये शहर?
बता दें कि स्थानीय नेता रावल जैसल ने 12वीं शताब्दी में जैसलमेर की स्थापना की थी. उनके ही नाम पर इस किले को नाम दिया गया. पूरा किला पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है और देखने में बेहद खूबसूरत लगता है. लोग विशेष रूप से यहां सूर्यास्त देखने आते हैं.
इस किले में रहने वाले और स्थानीय लोग पर्यटकों को रहने की जगह खाना और गाइड कर के अपनी आजीविका चलाते हैं. यही कारण है कि जैसलमेर के किला में छोटी-छोटी चाय की दुकानों, कैफे, गेस्टहाउस और घरों की संख्या बढ़ी है.