कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को अब कीमोथेरेपी (Chemotherapy) नहीं बल्कि रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) के माध्यम से बेहतरीन उपचार दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेज नेरचौक द्वारा इसके लिए 19 करोड़ की लीनियर एक्सल्रेटर (linear accelerator) मशीन को खरीदा जा रहा है। यह मशीन नीदरलैंड (Netherlands) से आएगी और मेडिकल कॉलेज नेरचौक ने इसका ऑर्डर दे दिया है।
मशीन दिसंबर 2023 तक यहां पहुंच जाएगी और उसके बाद इसे इंस्टॉल करके अगले वर्ष मार्च 2024 से पहले कैंसर अस्पताल (cancer hospital) को शुरू कर दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेज नेरचौक के प्रधानाचार्य डा. डीके वर्मा ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वाधान में 40 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे कैंसर अस्पताल के भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। लोगों को बेहतरीन उपचार के लिए 19 करोड़ की लागत से लीनियर एक्सल्रेटर मशीन खरीदी जा रही है।
इस मशीन से रेडियोथेरेपी के माध्यम से कैंसर का उपचार किया जाता है। यह कीमोथेरेपी के मुकाबले कहीं बेहतर होता है। अभी तक इस तरह की सिर्फ दो मशीनें प्रदेश में आ रही हैं, जिसमें एक शिमला में स्थापित होगी और दूसरी नेरचौक में। मार्च 2024 से पहले कैंसर अस्पताल को पूरी तरह से सुचारु कर दिया जाएगा।
रेडियोथेरेपी इसलिए है बेहतर
कीमोथेरेपी में कैंसर के उपचार के लिए रसायनों का उपयोग किया जाता है और रेडियोथेरेपी में विकिरणों का उपयोग किया जाता है। कीमोथेरेपी के माध्यम से शरीर की सामान्य कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है, जबकि रेडियोथेरेपी में ऐसा नहीं होता। रेडियोथेरेपी से कैंसर वाले भाग पर ही विकिरणों के माध्यम से उपचार किया जाता है और इसे बाहरी रूप से भी लागू किया जा सकता है। ऐसा माना गया है कि रेडियोथेरेपी अन्य की तुलना में कम दर्दनाक है।