ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो बड़ विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कुलदीप यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा कि मेरी कमजोरी हर किसी को पता थी, लेकिन कभी किसी ने मदद नहीं की।
कुलदीप ने कहा, ‘हर किसी ने मुझे कहा कि गेंद में रफ्तार की जरूरत है लेकिन किसी ने नहीं बताया कि वह कैसे किया जाए।’ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप के पहले मैच में डेविड वॉर्नर और ग्लेन मैक्सवेल के कीमती विकेट लेने वाले कुलदीप ने कहा कि उन्होंने खुद ही इसका हल निकाला लेकिन टीम फिजियो आशीष कौशिक की एक सलाह उपयोगी साबित हुई।
उन्होंने कहा, ‘जब मैं चोट से वापिस आ रहा था तो फिजियो आशीष कौशिक ने कहा कि दाहिने पैर पर कम वजन देना है। मैंने अभ्यास में भी वही किया और मैच हालात में मुझे फर्क पता चला। यह रातोरात नहीं हुआ। लय दोबारा पाने में छह महीने लगे।’
यह पूछने पर कि चेपॉक की पिच क्या धीमे गेंदबाजों की मददगार थी? कुलदीप ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता लेकिन मुझे अपनी गेंदों में गति बढानी पड़ी। ग्लेन मैक्सवेल को समय नहनीं मिला और इसी तरह से स्मिथ को जडेजा ने आउट किया था। टर्न के साथ गेंद की गति भी अहम थी।’ यह पूछने पर कि क्या टूर्नामेंट में आगे तीन स्पिनरों के लिये जगह होगी , उन्होंने कहा, ‘पूरे टूर्नामेंट के बारे में पता नहीं लेकिन हमने देखा है कि चेन्नई में तीन स्पिनरों को उतारा जा सकता है।’