संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की परीक्षा देश की सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक है. UPSC की तैयारी किसी छात्र के लिए कड़ी तपस्या से कम नहीं है. घर-परिवार और यहां तक की खुद को भी भूलकर कठिन परिश्रम करने के बाद ही सफ़लता मिलती है. हिम्मत, धैर्य, सच्ची लगन हो तो छात्र इस तपस्या में भी सफ़ल हो जाते हैं. आज हम ऐसी ही एक IAS अफ़सर की कहानी लेकर आए हैं. IAS अनु का एक बच्चा था जब उन्होंने UPSC परिक्षाओं की तैयारी करने का निर्णय लिया.
कौन हैं IAS अनु कुमारी (Anu Kumari )?
हर साल UPSC सिविल सर्विसेज़ की परीक्षा करवाती है. कुछ छात्रों के सपने सच होते हैं और कुछ को हताशा हाथ लगती है. हरियाणा के सोनीपत की अनु कुमारी ने ये परीक्षा पास करके सफ़लता के नए आयाम लिख दिए. शुरुआती शिक्षा शिवा शिक्षा सदन, सोनीपत से की.
इसके बाद आगे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से. IMT नागपुर से MBA की डिग्री हासिल की. इसके बाद अनु कुमारी ने नौकरी कर ली. 2012 में शादी की और गुरुग्राम आ गईं. अनु कुमार आम ज़िन्दगी जी रही थी. लेकिन उनके अंदर कहीं कुछ अलग करने का जुनून सवार हो चुका था. सबकुछ छोड़कर उन्होंने UPSC की तैयारी करने का निर्णय लिया.
बच्चे को छोड़कर की UPSC की तैयारी
अनु ने UPSC की परीक्षा देने का निर्णय लिया. 2016 में उन्होंने पहली बार परीक्षा दी लेकिन एक नंबर से क्लियर नहीं हुआ. अनु दुखी हुईं, टूटी लेकिन फिर उठ खड़ी हुई. दोबारा परीक्षा देने के लिए जीतोड़ मेहनत शुरू कर दी.
अनु का बेटा छोटा था और बच्चे का ध्यान रखना और तैयारी करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था. अनु ने सीने पर पत्थर रखकर अपने बच्चे को अपने मां के घर भेज दिया. दो साल तक वो अपने बेटे से नहीं मिली और UPSC की तैयारी करने में दिन-रात एक कर दिया. 2017 में दूसरे प्रयास में उन्होंने UPSC क्लियर कर लिया. उन्हें ऑल इंडिया में दूसरा स्थान मिला.
प्राइवेट नौकरी छोड़कर क्यों पकड़ी सिविल्स की राह?
HT को दिए एक इंटरव्यू में अनु ने इस सवाल का जवाब दिया. अनु का कहना था कि नौकरी से वो संतुष्ट नहीं थी. एक वक़्त के बाद मशीनों की तरह महसूस होने लगा था. अनु से ये बर्दाशत नहीं हुआ और वो कुछ करना चाहती थी. फिर क्या था UPSC की तैयारी शुरू कर दी.