Interesting Facts First Indian Village Mana जिसे जाना जाता था भारत का आखिरी गांव, वो बना देश का पहला गांव, उत्तराखंड के माणा की कहानी

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था, भारत की आत्मा गांव में निवास करती है. शहर में कितने भी ऐश-ओ-आराम के संसाधन हो, दुनियाभर की लेटेस्ट तकनीक और वस्तुएं हों लेकिन किसी भी इंसानों को सुकून गांव में जाकर ही मिलता है. जो बात गांव के पीपल की ठंडी छांव में है वो AC में नहीं. उत्तराखंड के माणा गांव को भारत का आखिरी गांव (Last Indian Village) कहा जाता था, अब इस गांव को नया दर्जा मिला है, ये अब भारत का पहला गांव (First Indian Village Mana) है.

भारत का पहला गांव माणा (First Indian Village Mana)

First Indian Village Mana Twitter

उत्तराखंड के ज़िला चमोली के माणा गांव को कुछ समय पहले तक भारत के आखिरी गांव के रूप में जाना जाता था. अब माणा को नई पहचान मिली है, बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइज़ेशन (BRO) ने इस गांव में बीते सोमवार को ‘भारत का प्रथम गांव माणा’ (First Indian Village Mana) का बोर्ड लगाया.

अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माणा के दौरे पर गए थे. मोदी जी ने कहा था कि माणा को देश का पहला गांव कहना चाहिए और भारत की सीमा पर स्थित हर गांव को यही कहा जाना चाहिए.

3219 मीटर की ऊंचाई पर बसा गांव

manaE Uttaranchal

उत्तराखंड के चार धामों में से एक बद्रीनाथ से सिर्फ़ तीन किलोमीटर की दूरी पर है माणा. ज़िला चमोली के इस गांव से 24 किलोमीटर दूर चीन की सीमा शुरू हो जाती है. माणा समुद्र तल से 3219 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. हिमालय की पहाड़ियों से घिरे, सरस्वती नदी के तट पर बसे इस गांव का इतिहास हज़ारों साल पुराना है.

इसी गांव में भारत की आखिरी चाय की दुकान भी है.

हज़ारों साल पुराना है इतिहास?

Interesting Facts First Indian Village Mana YouTube

माणा से जुड़ी कई कहानियां हैं. कहते हैं इस गांव का नाम ‘मणिभद्र आश्रम’ से लिया गया. मणिभद्र यक्ष देवता को गांव का संरक्षक देवता भी माना जाता है. गांववालों का ये भी कहना है कि इस गांव का इतिहास हज़ारों साल पुराना है.

द्वापर युग यानि महाभारत काल से जुड़ा है माणा, ये भी मान्यता है. कहा जाता है कि पांडवों स्वर्ग की यात्रा के दौरान यहीं से गुज़रे थे. इस गांव में एक ‘भीम पुल’ भी है, मान्यता है कि इसे भीम ने ही बनाया था.

माणा में घूमने की जगहें (Places To Visit In Mana)

manaTrawell

माणा के नाम कई रिकॉर्ड होने के साथ ही यहां घूमने-फिरने की भी काफ़ी सारी जगहें हैं.

नीलकंठ चोटी (Neelkanth Peak): समुद्र तल से 6957 फ़ीट की ऊंचाई पर है नीलकंठ चोटी. इसे ‘गढ़वाली की रानी’ भी कहा जाता है. हर ट्रेकिंग के शौकीन को यहां घूमने का प्लान ज़रूर बनाना चाहिए.

तप्त कुंड (Tapt Kund): हिन्दू धर्म के अनुसार, तप्त कुंड में अग्नि देव का वास है. मान्यता है कि इस कुंड में औषधीय गुण हैं और यहां डुबकी लगाने से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं.

वसुधरा (Vasudhara): बद्रीनाथ मंदिर से 9 किलोमीटर दूर है ये झरना. कहा  जाता है कि वनवास के दौरान पांडव यहां कुछ समय के लिए रुके थे.

व्यास गुफ़ा (Vyas Cave): कहा जाता है कि इसी गुफ़ा में महाभारत महाकाव्य लिखा गया था. गांव के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक है.

भीम पुल (Bheema Pul): सरस्वती नदी पर बने इस पुल को भीम ने बनवाया था. द्रौपदी को नदी की धारा पार करने में परेशानी हो रही थी और तब भीम ने ये पुल तैयार किया.

माणा से कई ट्रेकिंग रूट्स भी हैं. यहां के वसुधरा झरने के लिए ट्रेकिंग, सतोपंथ झील के लिए ट्रेकिंग, चरणापादुका तक के लिए ट्रेकिंग कर सकते हैं.

माणा कैसे पहुंचे? (How To Reach Mana)

ऋषिकेश, हरिद्वार से आसानी से माणा पहुंचा जा सकता है. हरिद्वार है नज़दीकी रेलवे स्टेशन, जो माणा से 275 किलोमीटर दूर है. बस या टैक्सी से सड़क मार्ग द्वारा माणा जा सकते हैं. देहरादून से माणा 315 किलोमीटर दूर है.