उत्तर सिक्कम में आई बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है. सेना के 22 सदस्यों समेत 102 लोग अभी भी लापता हैं. बुधवार, 4 सितंबर को तीस्ता नदी में आए फ़्लैश फ़्लड्स ने इलाके में भारी तबाही मचाई दी. कई पुल और सड़कें बह गईं. सिक्किम की राजधानी गैंगटॉक से पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश का संपर्क टूट गया.
सिक्किम बाढ़: 100 से ज़्यादा लोग लापता, सेना की 41 गाड़ियां बहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार सुबह को खबर आई थी कि सिक्किम में आई बाढ़ की वजह से सेना के 23 सदस्य लापता हो गए. बाद में खबर आई कि एक सेना के जवान को रेस्क्यू कर लिया गया है और उनकी हालत भी ठीक है. सेना के ईस्टर्न कमांड के प्रवक्ता ने बताया कि सेना की 41 गाड़ियां बह गईं. रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन जारी है.
उत्तर सिक्किम में स्थित ल्होनक झील (Lhonak Lake) के ऊपर बादल फटने के बाद फ़्लैश फ़्लड्स आए. तीस्ता नदी में आई भीषण बाढ़ की वजह से अब तक 14 लोगों के मारे जाने की खबर है. सेना के 22 सदस्यों समेत 102 लोग अभी भी लापता हैं. India Today की रिपोर्ट के अनुसार, सिक्किम बाढ़ की वजह से कम से कम 20,000 लोग प्रभावित हुए हैं.
देशभर के 3,000 टूरिस्ट सिक्किम में फंसे
PTI की रिपोर्ट के अनुसार देशभर के कम से कम 3000 टूरिस्ट्स सिक्किम में फंसे हैं. वहीं सिक्किम सरकार ने इस बाढ़ को ‘डिज़ास्टर’ घोषित किया है. नेशनल डिज़ास्टर रेस्पॉन्स फ़ोर्स (NDRF) की कई टुकड़ियां बचाव और राहत कार्य में जुटी हैं.
सिक्किम बाढ़ से कितने ज़िले प्रभावित हुए हैं?
सिक्किम के मंगन ज़िले के चुंगथांग और दिक्चू, गैंगटॉक के सिंगताम, पाकयोन्ग ज़िले के रांगपो में सबसे ज़्यादा लोग लापता और ज़ख़्मी हुए हैं. राज्य के तीस्ता बेसिन में स्थित दिक्चू, सिंगताम, रांगपो पर बाढ़ ने कहर बरपाया है. शिक्षा विभाग ने मंगन, गैंगटॉक, पाकयोन्ग, नामची ज़िलों में 8 अक्टूबर तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने सिंगताम का दौरा किया. सिंगताम, रांगपो, दिक्चू और आदर्श गांव में 18 रिलीफ़ कैम्प लगाए गए हैं. बाढ़ की वजह से जिन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा, उन्हें राहत शिविरों में ठहराया गया है.
बाढ़ की वजह से कितने पुल बहे?
सिक्किम चीफ़ सेक्रेटरी से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 14 पुल बह गए हैं. इनमें से 9 बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइज़ेशन के पुल थे और 5 राज्य सरकार के. एनएच-10 का भी बड़ा सा हिस्सा बह हया. ये सिक्किम को बाकी देश से जोड़ता है.
उत्तर बंगाल और बांग्लादेश में भी फ़्लड अलर्ट जारी किया जा चुका है.
क्या सिक्किम में बाढ़ नेपाल भूकंप की वजह से आई?
मंगलवार दोपहर को चार भूकंप से नेपाल दहल गया. नेपाल में आए भूकंप के झटके राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में महसूस किए गए. एक दिन बाद सिक्किम के ल्होनक झील के ऊपर बादल फटा और तीस्ता नदी में भयंकर बाढ़ आ गई.
अब वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या सिक्किम में आई बाढ़ की वजह नेपाल में आया भूकंप है? PTI की रिपोर्ट के अनुसार, सिक्किम की ल्होनक झील 168 हेक्टेयर में फैली है. अब झील का क्षेत्रफल 60 हेक्टेयर होकर रह गया है. सेंट्रल वॉटर कमिशन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झील का पानी 100 हेकटेयर कम हो चुका है.
स्टेट डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अनुसार, ल्होनक झील के साउथ में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ़्लड (GLOF) आया. इस वजह से तीस्ता नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा.
GLOF भूकंप से भी आ सकता है. एक्सपर्ट्स फिल्हाल इस बात की जांच कर रहे हैं. कुछ एक्सपर्ट्स ने डिज़ास्टर साइट पर जाकर भी जांच शुरू कर दी है.
क्या राज्य में पहले से बाढ़ की चेतावनी दी गई थी?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तकरीबन एक दशक से सरकारी एजेंसियों और साइंटिफ़िक एक्सपीडिशन्स ने उत्तर सिक्किम के ल्होनक झील में GLOF की वॉर्निंग दी थी. तीस्ता नदी में आई बाढ़ की वजह से 1200 MW तीस्ता उर्जा डैम को क्षति पहुंची.
2019 में सिक्किम डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (SSDMA) ने एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेन्सिंग सेंटर, हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने ल्होनक झील जाकर जांच की. वैज्ञानिकों ने तभी चेतावनी दे दी थी कि इस झील GLOF घटना घट सकती है. इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने फ़्लैश फ़ल्ड्स की भी चेतावनी दे दी थी.