क्या हवा से कपड़े बन सकते हैं? US की Twin Sisters का Startup Rubi Lab हवा से कपड़े बना रही है?

Indiatimes

इस वक़्त दुनिया भर में कार्बन फुटप्रिंट कम करने के अलग-अलग तरीके खोजे जा रहे हैं. इस बीच अमेरिका की इन जुड़वा बहनों का तरीका कई लोगों को पसंद आ रहा है. ये दोनों हवा से कपड़े बना रही हैं.

अमेरिका की जुड़वा बहनें Neeka और Leila Mashouf की स्टार्टअप कंपनी Rubi Laboratories ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है जिससे वो कार्बन नेगेटिव Cellulosic कपड़े बना सकें। शॉर्ट में समझें तो, ये बहनें हवा से कपड़े बनाने की कोशिश कर रही हैं.

कैसे आया हवा से कपड़े बनाने का Idea?

Neeka और Leila दोनों अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में बड़ी हुईं। इनकी जड़ें ईरान की हैं जहां से इनके परिवार वाले 1979 से छोड़ कर आये थे. यहां के ऊंचे अखरोट के पेड़ और समुद्र की चमचमाती लहरें इन्हें घर की याद दिलाती थी. बचपन से ही दोनों ने प्रकृति को करीब से देखा और पेड़-पौधों, प्रकृति से प्यार कर बैठीं। दोनों को ये जानने की बड़ी जिज्ञासा रहती कि पेड़ बनते कैसे हैं. दोनों ने बचपन में ही सोच लिया था कि उन्हें रिसर्च की दुनिया में जाना है. लीला और नीका 15 साल की उम्र से साइंटिफिक रिसर्च में लगे हुए हैं.

twin sisters making clothes from air rubi lab

इनके परिवार का एक फैशन ब्रांड है, नाम है Bebe Stores. यहां से उन्हें फैब्रिक बनाने, उसे डिज़ाइन करने, फिर मैनुफ़ैक्चर करने की समझ मिली.

दोनों का मकसद था कुछ ऐसा बनाने जो फैशन और पर्यावरण को साथ लेकर चले. इसलिए साल 2021 में उन्होंने Rubi Laboratory की शुरुआत की. इसे पहले उन्होंने एक पब्लिक लैब में अपनी इस ख़ास तकनीक का प्रोटोटाइप बना लिया था.

कैसे काम करती है Rubi Laboratory की हवा से कपड़े बनाने की तकनीक?

twin sisters making clothes from air rubi labs

Rubi लैब ने ऐसा प्रोसेस बनाया है जो मैनुफैक्चरिंग वेस्ट स्ट्रीम से कार्बन डाइऑक्साइड निकालता है. इसके लिए इनका अपना Enzyme सिस्टम है. इस गैस को बाद में एक तरह के प्रोसेस से Cellulose पल्प निकाला जाताहै। इस गूदे से ही कपड़े के फाइबर या यार्न बनते हैं.

जैसे Rayon को लकड़ी के गूदे से बनाया जाता है, लेकिन इसे बनाने के लिए पहले पेड़ काटे जाते हैं. रूबी लैब्स की कोशिश है कि वो अपने प्रोसेस में किसी पेड़ को नुकसान पहुचाएं। ये अपने फ़ैब्रिक पूरी तरह से कार्बन एमिशन से बना रहे हैं. इसके लिए कम पानी और ज़मीन का इस्तेमाल करते हैं. इन कपड़ों की दूसरी ख़ासियत है इनका प्राकृतिक रूप से बायोडिग्रेडेबल होना.

क्यों ख़ास है रूबी लैब्स की तकनीक?

जहां किसी भी कॉमन लैब में विस्कोस प्रोसेस से 1 फैब्रिक बनाने में 10 Kg को Co2 बनती है, वहीं रूबी लैब्स के Cellulose पल्प को बनाने में कार्बन डाइऑक्साइड का इस्तेमाल कर फैब्रिक बनाया जाता है. इनका प्रोसेस कार्बन नेगेटिव है.

दोनों बहनों का मकसद अपनी टेक्नोलॉजी की मदद से फैशन ब्रांड्स की मैन्युफैक्चरिंग में कार्बन उत्सर्जन को कम करना है.