World Heart Day 2023 History Significance Theme वर्ल्ड हार्ट डे क्यों मनाते हैं? क्या है इतिहास, इस साल की थीम, हार्ट हेल्थ मेंटेन रखने के लिए क्या करें?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ (Cardiovascular Diseases, CVD) या हृदय रोग से हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है. 2016 में हृदय रोग से दुनियाभर में 1.7 करोड़ से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई. WHO भारत की बात करें तो भारत में कुल मौतों में से 63% मौतें एनसीडी की वजह से हुईं, इनमें 27% मौतें सीवीडी (CVD) के कारण हुई. 40-69 आयु वर्ग में 45% मौतें हृदय रोग से होती हैं. लोगों को हार्ट डिज़ीज़ के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे (World Heart Day 2023) के रूप में मनाया जाता है.

वर्ल्ड हार्ट डे इतिहास (History of World Heart Day)

World Heart DayFile

दुनियाभर में हर साल हार्ट संबंधी बीमारियां तेज़ी से बढ़ रही हैं. अक्सर हमारे सामने ऐसी खबरें भी आती हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चों को क्लासरूम में बैठे-बैठे दिल का दौरा पड़ा. हृदय से संबंधित बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है.

1999 में वर्ल्ड हार्ट डे की स्थापना वर्ल्ड हार्ट फ़ेडरेशन (World Heart Federation) या WHF ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) या WHO के साथ मिलकर की. वार्षिक इवेंट्स मनाने का आइडिया 1997-2011 WHF के प्रेसिडेंट Antoni Bayes de Luna का था. पहली बार 24 सितंबर, 2000 को सितंबर के आखिरी रविवार को पहली बार वर्ल्ड हार्ट डे मनाया गया था.

वर्ल्ड हार्ट डे थीम (World Heart Day Theme)

साल दर साल वर्ल्ड हार्ट डे के कई थीम्स रहे हैं. वर्ल्ड हार्ट डे 2023 का थीम है, ‘यूज़ हार्ट, नो हार्ट’ (Use Heart, Know Heart). साफ़ शब्दों में समझें तो दिल का इस्तेमाल करें, अपने दिल के बारे में जानें. वर्ल्ड हार्ट फ़ेडरेशन ने इस थीम को सर्वसम्मति से चुना. 2023 में ‘यूज़ हार्ट, नो हार्ट’ के ज़रिए दुनियाभर के लोगों को हार्ट हेल्थ को लेकर और हृदय रोगों के बारे में जागरूक किया जाएगा.

यूज़ हार्ट (Use Heart)- यूज़ हार्ट का मतलब है हार्ट इमोजी का प्रयोग करके इस दिन के महत्व को समझना और दूसरों को भी जागरूक करना. WHF के अनुसार इमोजीज़ आज कम्युनिकेशन का सबसे पॉपुलर फ़ॉर्म है. इसकी मदद से आसानी से लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सकती है.

नो हार्ट (Know Heart)- नो हार्ट थीम लोगों को सशक्त करने की थीम है. WHF की मंशा है कि लोग अपने हार्ट हेल्थ की ज़िम्मेदारी खुद अपने हाथों में लें. जब आपको अपने हार्ट के बारे में ज़्यादा जानकारी होगी तब आप उसका ज़्यादा बेहतर ख़्याल रख पाएंगे.

वर्ल्ड हार्ट डे महत्व (Significance of World Heart Day)

हमारी जीवनशैली बहुत तेज़ी से बदल रही है. इसका नतीजा ये हुआ है कि हम अपना, अपने स्वास्थ्य का ढंग से ध्यान नहीं रखते. कोरोना पैंडमिक के बाद से ये स्थिति और बिगड़ गई है. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि लोगों को इन बीमारियों के बारे में जानकारी मिले. वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर कई कार्यक्रमों, इवेंट्स आदि के ज़रिए लोगों को हार्ट संबंधी बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाता है.

वर्ल्ड हार्ट फ़ेडरेशन (World Heart Federation) के अनुसार, ‘वर्ल्ड हार्ट डे दुनियाभर के लोगों को कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ (Cardiovascular Diseases) के बारे में लोगों को जागरूक करता है. हर साल CVD की वजह से लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है. जागरूकता फैलाने से लोग इससे बच सकते हैं या फिर CVD को कंट्रोल कर सकते हैं.’

कैसे मनाया जाता है वर्ल्ड हार्ट डे? (Celebration of World heart day 2023)

वर्ल्ड हार्ट डे को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है.

फ़्री/डिस्काउंटेड हार्ट स्क्रीनिंग या हार्ट चेकअप

कुछ हेल्थकेयर फ़ैसिलिटीज़ मुफ़्त या डिस्काउंटेड हार्ट हेल्थ स्क्रीनींग, चेक अप्स ऑफ़र करते हैं. इस तरह से मेडिकल फ़ैसिलीटीज़, गैर सरकारी संगठन (NGOs) लोगों को जागरूकता अभियान चलाते हैं. इनके अलावा हार्ट हेल्थ से जुड़े इवेंट्स का आयोजन किया जाता है.

फ़ंडरेज़र्स (Fundraisers)

वर्ल्ड हार्ट डे एक्टिविटीज़ पर कुछ अस्पताल, हेल्थ सेंटर और NGOs फंडरेज़िंग कैंपेन का आयोजन करते हैं. ये फंडरेज़िंग कैंपेन ज़रूरतमंदों की मदद के लिए, रिसर्च, जागरूकता अभियान चलाने आदि के लिए होते हैं.

अवेयरनेस प्रोग्राम्स (Awareness Programs)

एक्टिविट्स लोगों से तंबाकू, अनहेल्दी फ़ूड्स (Unhealthy Foods) का कम सेवन करने और अपने हार्ट का ख्याल रखने की अपील करते हैं. सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग कैंपेन चलाए जाते हैं.

फ़िटनेस चैलेंज (Fitness Challenge)

फ़िज़िकल एक्टिविटी हार्ट का ख़ास ध्यान रखने के लिए बेहद ज़रूरी है. कुछ संस्थाएं इसके लिए फ़िटनेस चैलेंज का भी आयोजन करती हैं. ये एक तरीका है लोगों को हर दिन कोई फ़िज़िकल एक्टिविटी करने के लिए मोटिवेट करने का.

आपका हार्ट हेल्दी है या नहीं, ये कैसे पता चलेगा? (Signs of a Healthy Heart)

World Heart Day 2023 ImageWorld Heart Day 2023 Image | Photo: Freepik

1. नॉर्मल या हेल्दी ब्लड प्रेशर (Healthy Blood Pressure)

हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट फ़ेलियर का खतरा बढ़ जाता है. वक़्त-वक़्त पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाने से आपको अपने हार्ट हेल्थ के बारे में भी पता चल सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर दोनों ही हार्ट हेल्थ के लिए खतरनाक हैं.

2. नॉर्मल ब्लड टेस्ट रिपोर्ट्स (Normal blood test reports)

ब्लड रिपोर्ट में सोडियम, पोटैशियम, क्रेटनिन की शरीर में कितनी मात्रा है इसकी जानकारी मिलती है. ये एलिमेंट्स सीधे हार्ट हेल्थ से कनेक्टेड हैं.

3. नॉर्मल हार्ट रेट (Normal heart rate)

पल्स से आपके बॉडी के अंदर के ब्लड फ़्लो औ ब्लड प्रेशर के बारे में जानकारी मिलती है. स्लो या फ़ास्ट हार्ट रेट से आपके हार्ट हेल्थ के बारे में जानकारी मिलती है. डॉक्टर की मदद से हार्ट रेट का पता कर सकते हैं.

4. हेल्दी कॉलेस्ट्रोल लेवल्स (Healthy Cholesterol Levels)

कॉलेस्ट्रोल लेवल बिगड़ने से आर्टरी ब्लॉक हो सकती है. इससे हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है. हार्ट हेल्थ मेंटेन करने के लिए हेल्दी कॉलेस्ट्रोल लेवल मेंटेन्ड रखना बहुत ज़रूरी है. ब्ल्ड टेस्ट से कॉलेस्ट्रोल लेवल्स की जानकारी मिल जाएगी.

कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ क्या है? (What is Cardiovascular Diseases?)

कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ हृदय और रक्त वाहिकाओं के विकारों का एक समूह है, इसमें कोरोनरी हृदय रोग (Coronary Heart Disease), सेरेब्रोवास्कुलर रोग (Cerebrovascular Disease), परिधीय धमनी रोग (Peripheral Artery Disease) शामिल हैं. जन्मजात हृदय रोग भी कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ हैं.

कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ के लक्षण? (What are the symptoms of Cardiovascular Diseases?)

CVD या कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ के कुछ लक्षण (cardiovascular diseases symptoms in hindi) होते हैं. अगर समय पर इनका पता चल गया और डॉक्टर की सलाह ले ली गई तो लंबी बीमारियों से और अप्रिय घटनाओं से बचा जा सकता है.

हार्ट की बीमारियों के लक्षण (symptoms of heart problem in hindi)

– सीने में दर्द (Chest Pain)
– सीने में भारीपन महसूस होना (Chest pressure, discomfort)
– सांस फूलना (Shortness of breath)
– चक्कर आना (Dizziness)
– थकान

अगर शरीर में कहीं भी ब्लड वेसेल ब्लॉकेज है तो इसके क्या लक्षण हैं? (Symptoms of blockage of blood vessels)

– चलने-फिरने में पैरों में दर्द
– लंबे समय से फूले हुए पैर
– पैरों में रेड स्किन
– हाथ या पैर सुन्न हो जाना. ये शरीर के एक तरफ़ ही हो सकता है.
– चलने-फिरने, बात-चीत करने और देखने में परेशानी

कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ रिस्क फैक्टर्स (Cardiovascular diseases risk factors)

– हाई कोलेस्ट्रोल (High cholesterol, Hyperlipidemia)
– हाई ब्ल्ड प्रेशर (High Blood Pressure, hypertension)
– टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
– क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (Chronic Kidney Disease)
– ज़्यादा वज़न या मोटापा (Obesity)
– परिवार में अगर किसी को हार्ट डिज़ीज़ था (Family history of heart disease)
– तंबाकू (Tobacco use)
– ज़्यादा शराब पीना (Overuse of Alcohol)
– फ़िज़िकल एक्टिविटी न करना (Lack of Physical Activity)
– खाने में हाई सोडियम, चीनी या फ़ैट लेना (Diet of high sodium, sugar, fat)

कार्डियोवस्कुलर डिज़ीज़ से कैसे बचें? (Prevention of Cardiovascular Disease in Hindi)

– फल, सब्ज़ियां, अनाज, प्रोटीन, हेल्दी फ़ैट्स के रूप में बैलेंस्ड डायट लें
– पोर्शन कंट्रोल यानि बहुत ज़्यादा कार्ब्स या बहुत कम प्रोटीन न लें.
– सैचुरेटेड फ़ैट्स, ट्रांस फ़ैट्स, ज़्यादा नमक, ज़्यादा चीनी, ज़्याडा सोडियम न लें.
– हफ़्ते में 150 मिनिट मॉडरेट-इन्टेन्सिटी एरोबिक एक्सरसाइज़ या 75 मिनट विगरस-इंटेन्सिटी एक्सरसाइज़, दो दिन स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ करें.
– तंबाकू और शराब के सेवन से हार्ट पर सीधा दुष्प्रभाव पड़ता है, इन बुरी आदतों को तुरंत छोड़ें.
– मेडिटेसन, योगाभ्यास आदि को अपनी डेली रूटीन में शामिल करें.
– ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को रेगुलर्ली मॉनिट करें.
– नियमित ब्लड टेस्ट, कॉलेस्ट्रोल टेस्ट करवाएं, इससे शरीर में कौन से एलिमेंट की कितनी मात्रा है इसकी जानकारी मिलेगी.
– अगर आपको डायबिटीज है तो मेडिकेसन, डायट और रेगुलर मॉनिटरिंग से डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है. डायबिटीज के मरीज़ों को हार्ट संबंधी बीमारियां होने का ज़्यादा खतरा है.
– ओवरऑल गुड हेल्थ के लिए खूब सारा पानी पिएं.
– अगर आपके परिवार में किसी को हार्ट डिज़ीज़ था तो घबराएं नहीं. पहले अपने आप को एजुकेट करें इसके बाद डॉक्टर से कनसल्ट करें.
– ड्रग्स का सेवन न करें.
– अगर आपको डॉक्टर्स ने कोई ऐसी दवाई दी है जिससे CVD होने का खतरा है तो उसे प्रेस्क्राइब्ड अमाउंट में ही लें.

नोट- ये लेख सिर्फ़ लोगों को जानकारी देने के लिए लिखा गया है. इसे एक प्रोफ़ेशन्ल मेडिकल एडवाइस, डायगनोसिस या इलाज की तरह न लें. हम आपसे अपील करते हैं कि कोई भी स्वास्थ्य संबंधी शिकायत होने पर डॉक्टर या मेडिकल प्रोफ़ेशन्ल से कनसल्ट करें.