उज्जैन, मध्य प्रदेश की एक घटना ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है. 12 साल की रेप पीड़िता, अर्ध नग्न अवस्था में, खून से लथपथ घर-घर जाकर मदद मांगती रही लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. 8 किलोमीटर पैदल चलने के बाद वो बेहोश गई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बेहोश लड़की की एक शख़्स ने मदद की और उसे अस्पताल पहुंचाया. इस केस में अभी तक एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया गया है.
क्या है उज्जैन का पूरा मामला?
The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, 12 साल की एक लड़की, अर्ध नग्न अवस्था में दर-दर भटकती रही. 8 किलोमीटर तक चलने के बाद, खून से लथपथ लड़की एक आश्रम के सामने बेहोश हो गई. बुधवार, 27 सितंबर को इस घटना का सीसीटीवी फ़ुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. पुलिस से लेकर आम जनता तक को इस घटना ने हिला कर रिख दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेप पीड़िता को इंदौर के अस्पताल रेफ़र कर दिया गया है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस मामले में अब तक एक संदिग्ध को गिरफ़्तार किया गया है. मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है.
वहीं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने मध्य प्रदेश राज्य सरकार पर हमला बोल दिया.
किस मसीहे ने बचाई पीड़िता की जान?
उज्जैन के जिस आश्रम के बाहर लड़की बेहोश हुई थी, उस आश्रम के एक पुरोहित ने लड़की की जान बचाई. उज्जैन एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि पुरोहित ने ही लड़की की मदद की.
पुलिस ने अब तक क्या-क्या एक्शन लिया?
एसपी शर्मा ने कहा, ‘IPC सेक्शन 376 और POCSO एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत महाकाल पुलिस स्टेशन में अनजान व्यक्तियों के खिलाफ़ केस दर्ज कर लिया गया है. मेडिकल जांच के बाद पता चला है कि लड़की का रेप किया गया.’
5 टेक्नीकल एक्सपर्ट्स की टीम सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाल रही है, ये पता करने के लिए कि रेप सर्वाइवर ने कौन सा रास्ता लिया था. टेक्नीकल एक्सपर्ट्स की जांच में पता चला कि लड़की तकरीबन 2.5 घंटे तक चलती रही. एसपी ने बताया कि पीड़िता कहां से है इस बारे में वो जानकारी नहीं दे पाई लेकिन उसकी भाषा सुनकर लगता है कि वो प्रयागराज से है.
अभी तक कितने आरोपियों/संदिग्ध को गिरफ़्तार किया गया?
उज्जैन पुलिस ने एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर को गिरफ़्तार किया, ऑटोरिक्शा की सीट पर खून के छिंटे मिले. संदिग्ध से पूछताछ चल रही है.
महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन संजय दीक्षित ने बताया कि पीड़िता की सर्जरी हुई, ब्लड ट्रांस्फ़्यूज़न किया गया और वो खतरे से बाहर है.
नोट- इस लेख में हम घटना का सीसीटीवी फ़ुटेज नहीं लगा रहे हैं. लड़की की पहचान छिपाने के लिए ये निर्णय लिया गया है.