हिमाचल प्रदेश विधानसभा की तर्ज पर अब सबसे पुराने नगर निगम शिमला को भी पेपरलेस करने की योजना है। इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ही हामी भर चुके है। हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही देखने के लिए महापौर की अगुवाई में विधानसभा पहुंचे पार्षदों के साथ इस बारे में मुख्यमंत्री की चर्चा भी हुई थी।
महापौर सुरेंद्र चौहान का कहना है कि सदन की कार्यवाही को पेपरलेस करने से जहां कागज की बचत होगी वहीं पार्षदों को सदन की सारी कार्यवाही सहित अपने प्रश्नों के उत्तर भी ऑनलाइन ही उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि निगम टाउनहाल भवन में ई- विधान प्रणाली के तहत सदन बनाने की योजना पर काम कर रहा था। लेकिन टाउन हाल में सदन बनाने का मामला न्यायालय में होने के चलते अब पार्षदों को ही टेबलेट आवंटित करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि पार्षद सदन की कार्यवाही को टेबलेट पर ही देख सके।