हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में प्लास्टिक की तुलना में कंपोस्टेबल बैग (compostable bags) (पर्यावरण हितैषी) सस्ते हैं। ये बात, दुकानदारों व व्यवसायियों को समझ आ जाए तो पहाड़ी प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में एक कंकरीट कदम होगा।
दरअसल, राज्य में 85 जीएसएम (GSM) से नीचे के नॉन वोवन कैरी बैग प्रतिबंधित हैं। जीएसएम का पैमाना बढ़ने से ये महंगे भी हो गए हैं। बाजार में सामान खरीदते वक्त हम ये सोच कर चलते हैं कि कपड़े के बैग में सामान को घर ले जा रहे हैं, लेकिन कतई भी ऐसा नहीं होता, आप अनजाने में प्लास्टिक को घर ले जा रहे हैं। ये ऐसा जहर है, जो न घुलता है और न ही नष्ट होता है। धीमे-धीमे इंसान के लिए घातक बनता है।
सवाल उठता है कि जब प्लास्टिक (plastic) की तुलना में कंपोस्टेबल बैग सस्ता है तो क्यों न इसका इस्तेमाल किया जाए। बेशक ही पहले कंपोस्टेबल बैग महंगा होने की वजह से भी इसकी खपत प्लास्टिक की तुलना में कम थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं। हिमालयन ग्रीन्स का दावा है कि रॉ मटीरियल (raw material) के दाम घटने के कारण कंपोस्टेबल बैग सस्ता हो गया है। साथ ही नॉन वोवन (non woven) की मोटाई भी बढी है। दोनों तरफ से दाम को लेकर अंतर पैदा हुआ है।
कंपनी का दावा है कि पर्यावरण हितैषी थैलियां 160 से 180 रुपए किलो मिल रही हैं, जबकि नॉन वोवन कैरी बैग (carry bag) 190 से 200 रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है तो क्यों न पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) की तरफ कदम बढ़ाया जाए। कंपनी का कहना है कि यदि पर्यावरण से स्नेह रखने वाला कोई कारोबारी कंपोस्टेबल बैग लेना चाहता है तो डिस्ट्रीब्यूटर (distributor) भी बनाए जा सकते हैं।
इसके लिए फैक्टरी मैनेजर (factory manager) वीरेंद्र शर्मा को मोबाइल नंबर 97365-20178 पर संपर्क किया जा सकता है। आपको बता दें कि कंपोस्टेबल थैलियां विशेष परिस्थितियों में 10 से 45 दिन के भीतर विघटित हो जाती हैं। शानदार बात ये है कि ये बैग अपने पीछे स्थाई माइक्रो प्लास्टिक नहीं छोड़ते हैं।
आपका इंकार..एक आहूति
दरअसल, दुकानदार व व्यवसायी आपको नॉन वोवन बैग (non woven bag) में सामान देते हैं। प्रथम दृष्टया में ही आप नॉन वोवन बैग में सामान लेने से इंकार कर सकते हैं। यहीं से आपकी पर्यावरण के प्रति आहुति शुरू हो जाएगी। दुकानदार आपको ये भी कह सकता है कि कंपोस्टेबल बैग महंगे होते हैं। इस पर भी आप अपनी राय में बता सकते हैं कि समय बदल गया है, नॉन वोवन महंगे हो गए हैं और पर्यावरण हितैषी बैग सस्ते हैं।