हिमाचल में प्लास्टिक सहित पुराने कचरे के उन्मूलन के लिए सैटेलाइट इमेजरी से “हॉटस्पॉट” की पहचान

हिमाचल प्रदेश में स्वच्छता सुनिश्चित करने और पुराने कचरे की समस्या से निपटने के लिए, हिमकॉस्ट (Himkost) हिमाचल प्रदेशविज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद की आर्यभट्ट भू-सूचना विज्ञान
और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (AGISAC) शाखा ने सैटेलाइट इमेजरी (satellite imagery) के माध्यम से राज्य में पुराने कचरा स्थलों की जीआईएस (GIS) आधारित मैपिंग की है। अनुप्रयोग केंद्र ने प्लास्टिक अपशिष्ट चिन्हों और भौगोलिक
निर्देशांक के आधार पर उपलब्ध उपग्रह इमेजरी का उपयोग करके 70 स्थलों की पहचान की है।

जिलों में चिन्हित स्थानों की संख्या में बिलासपुर में 7; चंबा में 5, हमीरपुर में 9, कांगड़ा में 9, कुल्लू में 4, मंडी में 7,
शिमला में 17, सिरमौर में 3, सोलन में 4 और ऊना में 5 हैं। 70 स्थलों में से 43 स्थल ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। चिन्हित स्थलों की सूची संबंधित उपायुक्त और खंड विकास अधिकारियों (BDO) के साथ साझा की गई है। 2 अक्टूबर, 2023 से पहले चिन्हित स्थानों से प्लास्टिक कचरे सहित पुराने कचरे को हटाने के लिए कदम उठाने के लिए संबंधित बीडीओ को आवश्यक निर्देश दिए गए है।

इन ब्लॉकों में विशेष अभियान चलाकर स्वच्छ भारत दिवस मनाया गया।  साइटों से प्लास्टिक के उन्मूलन के बाद, बीडीओ/ग्राम पंचायतों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि भविष्य में इन साइटों पर कोई कचरा नहीं डाला जाए और यदि कोई कचरा फेंकता पाया गया, तो ग्राम पंचायत द्वारा अपराधी पर जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, इन स्थलों पर “कूड़ा न फैलाएं” संबंधी साइन बोर्ड (sign board)लगाए जाएंगेऔर सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाने के प्रावधान पर भी विचार किया जाएगा।