आखिर कुल्लू में ही क्यों स्थापित करना पड़ा युक्तियां के लिए प्रदेश का पहला नशा मुक्ति केंद्र

देश के 270 जिलों में एक जिला कुल्लू भी है ,जहाँ  सबसे अधिक नशा है। कुल्लू में है हिमाचल का सबसे पहला महिलाओं का नशा निवारण केंद्र 14 साल की छात्राएं भी कुल्लू में हो रही नशे का शिकार  
कुल्लू  पर्यटन नगरी  के नाम से मशहूर है।  कुल्लू के दिलकश नज़ारे और हसीन वादियां पर्यटकों को अपनी और बेहद आकर्षित करती है। लेकिन यहाँ देश विदेश के पर्यटकों को एक और चीज़ आकर्षित करती है वह है नशा। कुछ लोग यहाँ केवल नशा करने के लिए आते है।  मलाणा क्रीम ,काला सोना और कई नाम से यहाँ का नशा पूरे विश्व में विख्यात है । पर्यटक जो यहाँ  चरस या काला सोने का नशा करने आते है वह अब अपने साथ चिट्टा  ला कर  यहाँ  सप्लाई करने लग गए है।   जिसका शिकार न केवल युवक हो रहे हैं बल्कि अब युवतियां भी चिट्टे के चक्रव्यूह में फंस चुकी है।  उन्हें इस नशे की दलदल से निकालने के लिए रेड क्रॉस द्वारा  युवतियों के लिए  हिमाचल का पहला  नशा मुक्ति केंद्र खोला गया है।  यह जानकारी कुल्लू के उपायुक्त आईएएस आशुतोष गर्ग ने दी।  उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य युवतियों को न केवल नशे से बचाना है बल्कि उनका पुनर्वास करना है ताकि वह हमेशा के लिए इस नशे से दूर हो जाएं।  उन्होंने कहा कि अभी युवतियां   समाज के डर से यहाँ आने पर कतरा रही है लेकिन उसके बावजूद भी एक वर्ष में करीबन साठ  युवतियों को नशे से मुक्त करवाने का कार्य इस नशा मुक्ति केंद्र में चल रहा है। 
वहीँ जब कुल्लू के रिपोर्टर संजय ने जब इस बारे में यहाँ के चिकित्सक डीएमसीएच  सत्यव्रत  वैद्यया  से बात की तो  उन्होंने कुछ और खुलासे किए उन्होंने बताया कि देश के दौसौ सत्तर  जिलों को नशे का केंद्र माना गया है जहाँ सबसे अधिक नशा है। हैरानी वाली बात यह है कि इन जिलों में  एक जिला कुल्लू भी है।  उन्होंने बताया कि  पहले तो नशे की चपेट  में यहां के युवा ही आ रहे थे लेकिन अब  युवतियां  भी इस नशे के दलदल में फंस चुकी है जो चरस के साथ साथ चिट्टे का सेवन भी कर रही है।  सबसे गंभीर विषय यह है कि इसमें चौदह  से अठारा  वर्ष तक की युवतियों की अधिक संख्या है।  जिन्हें शिक्षा ग्रहण करने की उम्र में ही नशे की लत लग चुकी है।  इस लिए रेड क्रॉस द्वारा विशेष तौर पर युवतियों के लिए नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया गया है। 
वहीँ चिकिस्तक शुब्रीत ने बताया कि वह नशा मुक्ति केंद्र में किस तरह से रोगियों का इलाज करती है।  किस तरह की चुनौतियाँ उनके समक्ष आती है। 
हिमाचल का एक मात्र  महिलाओं के लिए बना यह नशा मुक्ति केंद्र प्रदेश की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।  जिसमें करीबन साठ  महिलाऐं लाभ ले चुकी है और अब वह आम महिलाओं की तरह अपना जीवन जी रही है।  इस लिए  बेहतर भविष्य के लिए महिलाऐं जो नशे से ग्रसित है वह यहाँ  आ कर एक नए जीवन की शुरुआत कर सकती  है।