विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकालने का मुद्दा उठा। विपक्ष के विधायकों ने सदन में नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाकर इस पर चर्चा की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। जिसपर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
विपक्ष के तरफ़ से कहा गया कि सुक्खू सरकार द्वारा आउटसोर्स कर्मियों को हटाया जा रहा है। जल शक्ति विभाग सहित कोरोना काल में लगे अस्पतालों में विभिन्न कर्मियों को हटाया गया है। रोजगार देने के बजाए सरकार युवाओं को बेरोजगार कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा की कोरोना में स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर सेवाएं दी। सुक्खू सरकार ने इन लोगों को 6 माह से वेतन नहीं दिया। सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। आउटसोर्स कोविड कर्मियों को 30 सितंबर के बाद सेवाएं समाप्त कर दी गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि विपक्ष के नेता झूठ बोल रहे हैं। जून तक इन कर्मियों को वेतन दे दिया गया है। फ़िलहाल दो माह का वेतन है, 30 सितम्बर तक सारा वेतन दे देंगे। यदि इन आउटसोर्स कर्मियों की जरूरत होगी तो योग्यता के आधार पर आगे भी इनकी सेवाएं जारी रहेंगी।