मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पांच सालों में पांच लाख लोगों को रोजगार देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों के समय इसकी गारंटी दी थी और वर्तमान सरकार निश्चित तौर पर इस गारंटी को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि 10 हजार नौकरियां इसी साल दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुपूरक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार प्रदान करने के लिए श्रम एवं रोजगार विभाग सबसे महत्वपूर्ण विभाग है तथा इस विभाग में मूलचूल परिवर्तन किया जा रहा है। जितने भी रोजगार निकलेंगे, श्रम एवं रोजगार विभाग में उनके लिए ट्रैक एवं ट्रेस का नियम बनाया जा रहा है।
इससे पहले विधायक कुलदीप पठानिया के मूल सवाल का जवाब देते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग में बड़े पैमाने में पेपर बेचे गए थे जिसके बाद उसकी जांच चल रही है। इसलिए कई परीक्षाओं के परिणाम अभी रोके गए हैं। उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि जल्द ही नौकरियों का पिटारा खुलने जा रहा है। इसके तहत शिक्षा विभाग में छह हजार पदों को भरा जाएगा जबकि पांच हजार जल रक्षक व तीन हजार वन के पदों को भरा जाएगा।
उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और श्रम एवं रोजगार विभाग के अलावा कई अन्य विभाग इस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ समय में रोजगार मेलों की संख्या को बढ़ाया है। शांडिल ने कहा कि बेरोजगारी एक ज्वलंत मुद्दा है और वर्तमान सरकार इसे लेकर गंभीर है।
हिमाचल में बेरोजगारी दर पड़ोसी राज्यों से कम
धनीराम शांडिल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों और अखिल भारतीय स्तर पर सामान्य स्थिति के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर सबसे कम 4.0 प्रतिशत है। यह दर अखिल भारतीय स्तर पर 4.1 प्रतिशत है। पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उतराखंड में बेरोजगारी दर हिमाचल से काफी ज्यादा है।
9 महीनों के कार्यकाल में कितनों को दिया रोजगार : जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार कुछ गारंटियां देकर सत्ता में आई है। सरकार ने वादा किया था कि पांच लाख सरकारी नौकरियां देगी। उन्होंने अनुपूरक सवाल में जानना चाहा कि कांग्रेस सरकार का नौ महीनों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इन नौ महीनों में कितने लोगों को सरकारी नौकरियां दी। उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग करना समाधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि भंग कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर की परीक्षाओं के परिणाम लंबे समय से लंबित हैं और इस कारण 3500 बेरोजगारों का भविष्य संकट में है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने एक माह में परिणाम घोषित करने का दावा किया था, फिर तीन माह का दावा किया और अब नौ माह बीत चुके हैं। केवल जांच का बहाना बनाकर मामलों को लटकाया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत नया नाम देकर आयोग बनाया है। नाम बदल कर कोई समाधान नहीं होगा।