Ganesh Ji Ki Aarti: गणेशजी की आरती, जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा

Ganesh Ji ki Aarti Lyrics: गणेशजी की आरती, जय गणेश जय गणेश देवा का गायन हर दिन अपने घर में करना बहुत ही शुभ माना है। गणेशजी की आरती गायन से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में मंगल ही मंगल रहता है। गणेशजी की कृपा बनी रहती है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Ganesh-Chaturthi
Jai Ganesh Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Aarti, गणेश चतुर्थी का पर्व आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। 10 दिन तक चलने वाले गणेशोत्सव की शुरुआत गणेश चतुर्थी से होती है और अनंत चतुर्दशी को इस पर्व का गणेश विसर्जन के साथ समापन होता है। भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं सभी विघ्न दूर होते हैं। भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय भी कहा जाता है कि क्योंकि किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा और आरती करने से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। गणेशजी की आरती…

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥