IND vs AUS: अश्विन वापसी कर सकते हैं तो गब्बर क्यों नहीं? बीसीसीआई शिखर धवन के साथ खेल रही पॉलिटिक्स!

एशिया कप जीतने के बाद अब भारतीय टीम मुंबई लौट गई है। भारत को 22 सितंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है जिसके लिए बीसीसीआई ने टीम के स्क्वाड की भी अनाउंसमेंट कर दी है।

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप 2023 से ठीक पहले 3 वनडे मैच खेलने हैं। दरअसल, यह 3 वनडे मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक वनडे सीरीज है, जिसकी मेजबानी भारत ही कर रहा है। 22 सितंबर से इस सीरीज का आगाज मोहाली में होने वाला है। बीते सोमार को बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम के स्क्वाड की भी घोषणा की है। सीनियर प्लेयर्स को शुरुआती दो मैचों के लिए आराम दिया गया है। वहीं टीम इंडिया के स्क्वाड में वर्ल्ड कप से ठीक पहले अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की सरप्राइज एंट्री हुई है।

अश्विन के नाम ने सबको चौंकाया है। इसकी वजह है कि अश्विन अन्ना काफी लंबे समय से भारत की वनडे टीम का हिस्सा नहीं थे। हालांकि रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि वह फोन के जरिए लगातार अश्विन के साथ टच में है। लेकिन क्या रोहित अपने उस जोड़ीदार को भूल गए जिनके साथ मिलकर उन्होंने सैकड़ों रन बनाए हैं और कई साल तक भारत के लिए पारी का आगाज किया है? क्या रोहित अब गब्बर को भूल गए हैं?

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ठीक अश्विन की तरह ही भारत के अनुभवी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन वनडे टीम से बाहर चल रहे हैं। वर्ल्ड कप, एशिया कप, एशियन गेम्स और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए भी धवन का चयन नहीं हुआ है। आखिर धवन ने ऐसा क्या गुनाह किया है कि बीसीसीआई उन्हें इस कदर नजरअंदाज कर रही है। सिर्फ एक खराब सीरीज (बांग्लादेश वनडे सीरीज) के बाद उनको टीम से ड्रॉप कर दिया गया। ऐसा नहीं है कि धवन के रिकॉर्ड वनडे में खराब रहा हो।

शिखर ने भारत के लिए 167 वनडे में 44.1 की औसत से 6793 रन ठोके हैं। उनके नाम वनडे में 17 शतक और 39 अर्धशतक हैं। आईसीसी टूर्नामेंट में तो शिखर का कोई तोड़ ही नहीं है। शिखर धवन ने कुल चार आईसीसी वनडे टूर्नामेंट (2013 चैंपियंस ट्रॉफी, 2015 वर्ल्ड कप, 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 वर्ल्ड कप) में भाग लिया है जिसमें उन्होंने 65.15 की औसत और 6 शतक के चलते 1238 रन बनाए हैं। वह बड़े मंच के खिलाड़ी हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों हो रहा है यह बात हर किसी के समझ के बाहर है। एक सूर्यकुमार यादव हैं जिन्हें लगातार फ्लॉप होने के बाद भी वनडे टीम में मौका मिल रहा है। दूसरी ओर गब्बर हैं जिन्होंने भारत के लिए इतने रन बनाए हैं उसके बाद भी उन्हे इग्नोर किया जा रहा है। जैसे संकेत बीसीसीआई दे रहा है उससे लग रहा है कि शिखर धवन को बिना किसी विदाई मैच के ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ेगा और यह काफी जल्दी भी हो सकता है।