Ganesh Puja Muhurat 2023: आज देशभर में धूमधाम से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है। हर जगह गणेशजी की स्थापना की जाएगी और विघ्नहर्ता सभी को अपना आशीर्वाद भी देंगे। जहां घरों को मूर्ति की स्थापना के लिए विशेष रूप से सजाया गया है, वहीं इस साल प्रतिष्ठित सार्वजनिक पंडाल रायगड के किले की थीम पर बनाए गए हैं। आइए जानते हैं गणेश मूर्ति की स्थापना का मुहूर्त और गणेश पूजन का मुहूर्त…
गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेशजी का जन्म हुआ था। इसीलिए देशभर में यह तिथि गणेश चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है। गणेशजी का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था। इसीलिए मध्यान्ह के समय में गणेश पूजा को सबसे उपयुक्त माना गया है। भक्तों को इसी समय गणेशजी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए।
इस समय करें मूर्ति की स्थापना
चतुर्थी तिथि सोमवार को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लगी है और अगले दिन मंगलवार 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 43 बजे चतुर्थी तिथि का समापन हो रहा है। उदया तिथि में चतुर्थी तिथि मंगलवार को है। अपने घर में जो भक्त गणेश की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 19 मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 बजे के बीच मूर्ति स्थापित कर लेनी चाहिए। बुधवार को डेढ़ दिन के लिए स्थापित गणपति की मूर्तियों का विसर्जन होगा। इस दिन घरों में विराजने वाले ज्यादातर गणपति विसर्जित किए जाते हैं।
भगवान गणेश की पूजा का समय
सुबह 11.19 बजे से दोपहर 1.43 बजे तक
चतुर्थी तिथि
प्रारंभ: 18 सितंबर को दोपहर 12.39 बजे
समाप्त: 19 सितंबर को दोपहर 1.43 बजे
आज से शुरू होगा लालबाग में सिलेब्रिटी का आना
लालबाग के राजा की कीर्ति देश और विदेश तक फैली है। हर साल यहां पर बड़ी संख्या में सिलेब्रेटी का आना होता है। आयोजकों के मुताबिक, इस साल पहले दिन से नेता से लेकर अभिनेता और बड़े उद्योगपतियों का आना शुरू होगा। लालबाग के राजा के दरबार में भक्त अपनी मनोकामना के लिए आते हैं, इसलिए हर साल यहां पर मुख दर्शन के अलावा मन्नत की लाइन लगती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां पर पहले दिन से ही मन्नत की लाइन लग जाती है।
रायगड किला की थीम पर बने प्रतिष्ठित पंडाल
इस बार लालबाग के राजा, गणेश गली स्थित मुंबई के राजा और अंधेरी के राजा के पंडाल रायगड किला की थीम पर बनाए गए हैं। कारीगरों ने मेहनत से इन पंडालों को रायगड किला की प्रतिमूर्ति के रूप में बनाया है। आयोजकों के मुताबिक, इस साल छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे हुए हैं। इसी उपलक्ष्य में पंडाल को रायगड किला की थीम दी गई है। लालबाग के राजा और मुंबई के राजा का दर्शन मंगलवार सुबह से किया जा सकता है।