जिला अस्पताल में रविवार शाम लिफ्ट फंसने से दो बच्चे समेत छह लोग आधे घंटे तक दिक्कत में रहे। बताया जा रहा है कि बिजली जाने की वजह से लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट में मौजूद लोगों ने इमरजेंसी बटन दबाया पर कोई उनकी मदद करने नहीं आया। नोएडा में पहले भी इस तरह की घटना सामने आती रही है।
पीड़िता दीपिका ने बताया कि करीब 30 मिनट बाद अस्पताल के इलेक्ट्रिशियन ने इन लोगों को लिफ्ट से निकाला। उनके साथ दो साल की एक बच्ची भी थी। दीपिका ने बताया कि हम सभी लोग पांचवें फ्लोर पर अपने भर्ती मरीज से मिलने गए थे। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने बताया कि लिफ्ट बंद होने के दस मिनट के अंदर लोगों को बाहर निकाल लिया गया था। किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। लिफ्ट में कोई मरीज नहीं था। बिजली जाने पर लिफ्ट बंद हुई थी।
12 लिफ्ट हैं पर एक भी ऑपरेटर नहीं
जिला अस्पताल और सीएमओ कार्यालय में 12 लिफ्ट हैं। एक भी लिफ्ट में ऑपरेटर नहीं है। वहीं अस्पताल में एक शिफ्ट में एक ही इलेक्ट्रिशियन है। अगर कोई लिफ्ट फंसती है, तो उसे खोलने में 10 मिनट से ज्यादा ही समय लगता है। इससे पहले भी जिला अस्पताल में कई लोग लिफ्ट में फंस चुके हैं। लिफ्ट बंद होने की स्थिति में बेसमेंट में चली जाती है। इन लिफ्ट को आपरेट करने के लिए एक भी आपरेटर नहीं है।
लिफ्ट हादसों की भरमार
आपको बता दें कि लिफ्ट में आई खराबी को नजरअंदाज करने से आम्रपाली ड्रीम वैली प्रॉजेक्ट में बड़ा हादसा हुआ है। इससे पहले पारस टिएरा सोसायटी में भी लिफ्ट गिरने से महिला की मौत हो चुकी है। ऐसी ही लापरवाही जिला अस्पताल में भी हो रही है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल की यह लिफ्ट रविवार शाम करीब 5 बजे फंसी थी। लिफ्ट अटकने के बाद उसमें सवार लोगों ने अलार्म बजाया और लिफ्ट पर जोर-जोर से हाथ पटका तब जाकर स्टाफ को जानकारी मिली। इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है। विडियो में दिख रहा है कि एक व्यक्ति लिफ्ट में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहा है। करीब 20 मिनट में इस लिफ्ट को खोलकर लोगों को बाहर निकाला गया। तब जाकर लोगों की जान में जान आई।