IND vs SL: कौन था वह मिस्ट्री मैन, जो भारतीय टीम के साथ जश्न मना रहा था, एशिया कप की ट्रॉफी उठा रहा था

Throwdown specialist Raghu raghavendraa: हीरो तो पर्दे के सामने एक्शन करता है, लेकिन हीरोज को हीरो बनाने वाले अक्सर पीछे दब जाते हैं, लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट टीम के ऐसे ही अनजान सितारे को उस वक्त दुनिया के सामने पेश किया, जब एशिया कप की चमचमाती ट्रॉफी उठाई जा रही थी।

कोलंबो: भारतीय क्रिकेट टीम ने 2018 के बाद पहली बार एशिया कप का फाइनल अपने नाम किया। दिलचस्प बात है कि उस वक्त भी कप्तानी रोहित शर्मा के हाथों में थी। इस बार वह टीम के पूर्णकालिक कप्तान हैं। आर. प्रेमदासा स्टेडियम में रविवार शाम हुए एक बेहद एकतरफा मुकाबले में पहले तो भारत ने श्रीलंका को सिर्फ 50 रन पर समेट दिया उसके बाद 6.1 ओवर में पूरे 10 विकेट से मैदान मार लिया। मैच के बाद प्राइज सेरेमनी के दौरान कप्तान रोहित शर्मा ने मोहम्मद सिराज की जमकर तारीफ की। हिटमैन ने बताया कि किस तरह खिलाड़ी फाइनल में एकजुट होकर खेली।


कौन था अनजान शख्स?

एशियन चैंपियन बनने के बाद जब टीम इंडिया ट्रॉफी के साथ जश्न मना रही थी, उस दौरान रोहित शर्मा ने एक और शख्स को स्टेज के बीच में बुला लिया। इतना ही नहीं, उसे ट्रॉफी भी थमा दी। टीवी पर इस लम्हे को देख रहे कई लोग यही जानने कि कोशिश करने लगे कि आखिर ये आदमी है कौन? अगर आपके जेहन में भी यही सवाल था तो चलिए उस शंका का समाधान हम कर देते हैं। वह शख्स कोई और नहीं बल्कि टीम इंडिया के थ्रोडाउन एक्सपर्ट राघवेंद्र उर्फ रघु थे।

तेंदुलकर-द्रविड़ के खास हैं रघु

रघु भारतीय स्क्वॉड का एक अहम हिस्सा हैं। वह कई सालों से टीम के साथ हैं। सबसे पहले 2011-12 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बतौर थ्रोडाउन विशेषज्ञ शामिल हुए थे। उन्होंने 2014 के इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ में वापसी की और तब से वह भारतीय टीम के स्टाफ का एक अभिन्न अंग हैं। भारतीय टीम में शामिल होने का उनका सपना तब पूरा हुआ जब, उन्हें क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की सिफारिश पर ‘थ्रोडाउन विशेषज्ञ’ के रूप में टीम में शामिल किया गया, जिन्होंने बैंगलोर में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में उनके त्वरित थ्रोडाउन का सामना किया था।

मोहम्मद सिराज का जलवा

मैच में मोहम्मद सिराज ने कातिलाना गेंदबाजी करते हुए महज 7 ओवर में एक मेडन के साथ 21 रन देकर छह विकेट झटके। सिराज ने शुरुआती 12 गेंदों में ही पांच विकेट ले लिए थे, जिससे श्रीलंका की टीम 50 रन पर आउट हो गई। भारतीय टीम ने 6.1 ओवर में बिना कोई विकेट खोए लक्ष्य हासिल कर लिए।