इंजीनियरिंग छात्रों ने सिर्फ 8 हजार में बनाया ड्रोन, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए बनेगा वरदान

भारत में टैलेंट की कमी नहीं है. यहां की नई पीढ़ी कम संसाधनों में भी बेहतर परिणाम देने के लिए जानी जाती है. ऐसा कुछ नया कमाल बिहार के कुछ छात्रों ने किया है. गया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग ब्रांच के फाइनल ईयर के छात्र अमिताभ अंकुर, दीपक कुमार, अभिनव राज, सपना कुमारी और तृप्ति कुमारी ने साथ मिलकर एक ड्रोन तैयार किया है.

बिहार के छात्रों ने बनाया कमाल का ड्रोन

gaya engineering students made drone in just 8 thousandNews 18

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये ड्रोन सुदूर तथा बाढ़ ग्रसित इलाके में दवाई तथा जरूरत के सामान पहुंचने के लिए कारगर साबित होगा. बताया जा रहा है नॉर्थ ईस्ट और बिहार के उत्तरी भाग में आने वाले बाढ़ की समस्या को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट का निर्माण किया गया है. जैसा कि हम हर बात देखते हैं कि जब भी बाढ़ जैसी समस्या आती है तो हजारों लोग फंस जाते हैं. आइस में सबसे जरूरी होता है उन तक जरूरत का सामान पहुंचाना लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वहीं, इस ड्रोन के माध्यम से जरूरत का सामान बाढ़ ग्रसित लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

बाढ़ में ये ड्रोन साबित होगा कारगर

drone Unsplash

कॉलेज के फाइनल ईयर के छात्रों ने अनमैंड एरियल व्हीकल्स तैयार कर बड़ा कारनामा कर दिखाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह ड्रोन देश के वैसे इलाके के लिए कारगर साबित होगा. जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है तथा बाढ़ ग्रसित इलाके में दवाई और जरूरत के सामान पहुंचाने में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. छात्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में भारत में ड्रोन की अहमियत बढ़ने वाली है. इसी को देखते हुए इन फाइनल ईयर के छात्रों ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया और एक ऐसा ड्रोन का निर्माण कर दिया है, जो सुदूरवर्ती इलाके में कारगर साबित होगा.

8 हजार में तैयार हुआ ड्रोन

DroneAFP/Representational image

बताया जा रहा है कि मात्र 8 हजार के खर्च में इस ड्रोन को तैयार किया गया है. इससे एक किलो तक का सामान पहुंचाया जा सकता है. इसकी रेंज 200 मीटर से बढ़ाकर 5 किलोमीटर तक करने के लिए रिसर्च की जा रही है.  कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के शिक्षक और छात्र इस प्रोजेक्ट पर और बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं. छात्रों के इस उपलब्धि पर कॉलेज के प्रिंसिपल समेत अन्य शिक्षक गण बेहद खुश हैं. इस प्रोजेक्ट को बनाने में प्रोजेक्ट गाइड मृणाल रंजन का भी अहम योगदान रहा है. इनके मार्गदर्शन में छात्रों ने यह कारनामा कर दिखाया है.

कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रिंसिपल राजन सरकार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि, यह प्रोजेक्ट अभी फर्स्ट स्टेज में है. इसे और विकसित किया जाएगा. इसकी रेंज अभी 200 मीटर तक का है. जिसे बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है. कुछ दिनों में इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करने के बाद गया कॉलेज आफ इंजीनियरिंग के नाम पर पैटेंट कराने का सोचा गया है.

उन्होंने आगे बताया कि भारत में वैसे तो अभी कई ड्रोन हैं लेकिन उनकी कीमत अधिक है. उन्होंने कहा कि इंजीनियर होने के नाते वे ऐसा ड्रोन का निर्माण करने की सोच रहे हैं जो बेहद कम लागत में बनाया जा सके. यही वजह है कि छात्रो ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करते हुए इस प्रोजेक्ट को बनाया है.