9 साल पहले बिलासपुर की टनल में फंसे थे 3 मजदूर, सराज के मणिराम ने सुनाई आपबीती

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की टनल में फंसे 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास निरंतर जारी है। 9 वर्ष पूर्व हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में भी कुछ ऐसा ही हादसा देखने को मिला था। यहां किरतपुर मनाली निर्माणाधीन फोरलेन के दौरान टीहरा टनल में मलबा गिरने से तीन मजदूर फंस गए थे, जिन्हें टनल से बाहर निकालने के लिए भी बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया था।

यह रेस्क्यू ऑपरेशन 9 दिन तक चला था। इन फंसे हुए मजदूरों में सुंदरनगर उपमंडल के बगी के रहने वाले हिरदा राम, सराज के तहत पड़ने वाली कून पंचायत के मणि राम और सिरमौर निवासी सतीश तोमर थे। 9 साल के बाद उत्तराखंड में भी कुछ ऐसे ही हालात बने हुए हैं। सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने का प्रयास लगातार जारी है। हिमाचल में हुई इस घटना के ठीक 9 साल बाद कून के मणि राम ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि टनल में फंसने के बाद हमारा अधिकतर समय अंधेरे में ही बीता था। 5 दिन बाद टनल के अंदर संपर्क संभव हो पाया।

उन्होंने बताया कि इस टनल के अंदर सांस लेना मुश्किल था और कागज के गत्ते से हवा देकर ऑक्सीजन की कमी को पूरा करते थे। 5 दिन तक न किसी से संपर्क हुआ और न ही कुछ खाने-पीने मिला पाया। जब संपर्क हुआ तो हमारा भी हौंसला बढ़ गया। इस समय एक समय ऐसा आया जब टनल में पानी भरने लगा तो टनल के अंदर खड़ी मशीन पर चढ़कर अपनी जान बचाई। मणि राम ने बताया कि उस समय बिलासपुर की तत्कालीन जिला उपायुक्त मानसी सहाय ने उन्हें बाहर निकलने में सराहनीय कार्य किया था। मणिराम ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में फंसे 41 मजदूरों के सकुशल बाहर निकालने की भी ईश्वर से प्रार्थना की।

बता दें कि दीपावली के दिन 12 नवंबर से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में चार धाम रोड परियोजना की टनल में मलबा गिरने से 41 मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों में मंडी जिला के बल्ह उपमंडल के बंगोट गांव का 21 वर्षीय विशाल भी शामिल है। टनल में फंसे मजदूरों का वीडियो सामने आने से विशाल के परिवार ने भी राहत की सांस ली है। इन मजदूरों को बाहर निकालने के लिए टनल के अंदर पाइप लाइन डाली जा रही है। उम्मीद यह जताई जा रही है कि कुछ घंटों में यह सभी मजदूर टनल से सुरक्षित बाहर होंगे।