76वां सेना दिवस: सिकंदराबाद में ईएमई युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया

76वें सेना दिवस के अवसर पर सिकंदराबाद के बोलारम क्षेत्र में ईएमई युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर उपस्थित सेना के जवानों ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि और सलामी दी गई. इस बीच, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने भी सोमवार को सेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं. सैनिकों को अपने संबोधन में जनरल मनोज पांडे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने कहा कि सेना दिवस 2024 के अवसर पर, मैं भारतीय सेना के सभी रैंकों, नागरिक कर्मचारियों, दिग्गजों और उनके परिवारों को अपनी बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. हम अपने उन साथियों को गंभीरता से याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं. जिन्होंने राष्ट्र सेवा में अपना जीवन लगा दिया है. उनका सर्वोच्च बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करता रहेगा.

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है ताकि देश की प्रगति निरंतर जारी रहे. इसके प्रति हमारा संकल्प मजबूत रहना चाहिए. हर गुजरते दिन के साथ मजबूत होना चाहिए. मैं ‘ऑलिव ग्रीन’ के प्रत्येक सदस्य से यह आग्रह करता हूं. उन्होंने कहा कि हमारा भाईचारा देश के सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए अटूट प्रतिबद्धता जारी रखेगा.

थल सेनाध्यक्ष ने आगे कहा कि भारतीय सेना वर्ष 2024 को ‘प्रौद्योगिकी अवशोषण वर्ष’ के रूप में मनाएगी – एक विषय जो परिवर्तनकारी परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक के रूप में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के सेना के फोकस और प्रयासों को रेखांकित करता है. उन्होंने कहा कि युद्ध का चरित्र बदलता रहता है. भविष्य के लिए खुद को तैयार करने के लिए, हमने पिछले साल एक समग्र परिवर्तन प्रक्रिया शुरू की है.

हमने अच्छी प्रगति की है और कई मील के पत्थर हासिल किए हैं. हमारी क्षमता विकास के प्रयास आत्मानिर्भरता की इमारत पर खड़े हैं. जिसके लिए हम दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं. जनरल मनोज पांडे ने कहा कि आधुनिक, चुस्त, अनुकूली और प्रौद्योगिकी-सक्षम भविष्य के लिए तैयार बल बनने की दिशा में परिवर्तन भविष्य के रोडमैप के हिस्से के रूप में जारी रहेगा.

उन्होंने आगे कहा कि दिग्गजों, वीर नारियों और उनके परिवारों के प्रति सेना की जिम्मेदारी एक पवित्र प्रतिबद्धता बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कल्याणकारी पहलों को बढ़ाने, सक्रिय रूप से उन तक पहुंचने और उनकी शिकायतों का समाधान करने के प्रयास सभी स्तरों पर कमांडरों के लिए फोकस क्षेत्र बने रहना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय मानस पटल पर भारतीय सेना का एक विशिष्ट कद है. मुझे पूरा विश्वास है कि हम राष्ट्र की ओर से हम पर जताए गए विश्वास को कायम रखने के अपने संकल्प पर हमेशा दृढ़ रहेंगे. आइए हम राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को फिर से समर्पित करें. ‘जय हिंद’…