इस साल श्रावण मास (Shravan Maas) का प्रारम्भ 4 जुलाई (मंगलवार) से आरम्भ हो रहा है। सावन का पहला दिन बेहद खास होने के साथ 3 शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। अधिक मास जुड़ने के कारण सावन 59 दिनों का है।
ज्योतिषाचार्य कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि सावन के पहले दिन 3 शुभ संयोग बनने से भगवान शिव (Lord Shiva) व माता गौरी की साधना करने से आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। सावन माह भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस बार श्रावण मास का समापन 31 अगस्त पूर्णिमा को होगा। अशिक मास जुड़ने के कारण इस दफा सावन 59 दिनों का होगा।
सावन का पहला दिन…
4 जुलाई मंगलवार को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। यह दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। उसके बाद से द्वितीय तिथि शुरू हो जाएगी। पहले दिन इंद्र योग और पूर्वाषाड़ा योग है। इंद्र योग और पूर्वाषाड़ा नक्षत्र बहुत ही शुभ माने जाते हैं। इस दिन गौरी व्रत भी है। सुहागिन महिलाएं इस दिन माता पार्वती के साथ भोलेनाथ की पूजा भी करती हैं।
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दूसरा शुभ संयोग त्रिपुष्कर योग है। इस योग में जो भी आप पूजा पाठ करते हैं उसका 3 गुना फल आपको प्राप्त होता है। तीसरा शुभ संयोग प्रातः कालीन समय में रहेगा। दोपहर 1.38 से पहले भगवान शिव व माँ गौरी के साथ हैं। इसलिए शिव वास में रुद्राभिषेक करने के लिए भी यह योग बेहद महत्वपूर्ण है। इस माह में कांवड़ यात्रा भी आरम्भ होगी।
19 साल बाद दुर्लभ संयोग, 8 सावन सोमवार और 9 मंगला गौरी व्रत
हिंदी कैलेंडर का पांचवा माह श्रावण मास अधिक मास जुड़ने से इस दफा 59 दिनों का है। इसमें 9 मंगला गौरी व्रत और 8 सावन सोमवर व्रत हैं। अधिकमास का प्रारम्भ 18 जुलाई से होगा और 16 अगस्त को उसका समापन होगा। सावन के 4 अधिकमास में व 4 सोमवार व्रत होंगे।