Dwarka Darshan: 35 टन वजनी सबमरीन, 1 साथ बैठेंगे 30 लोग; समुद्र में 300 फीट नीचे होंगे द्वारका दर्शन
Dwarka Darshan: हजारों साल पहले समुद्र में डूब चुकी भगवान श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन अब आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए सरकार सबमरीन चलाने जा रही है, जिससे समुद्र में 300 फीट नीचे जाकर द्वारका नगरी के दर्शन कर सकते हैं.
Dwarka Darshan by Submarine: धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक कॉरिडोर के बाद सरकार द्वारका कॉरिडोर को डेवलप कर रही है. इसके तहत मूल द्वारका के दर्शन के लिए सबमरीन प्रोजक्ट लाया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार की कंपनी मझगांव डॉक शिपयार्ड के साथ राज्य सरकार ने एमओयू किया है. इसके साथ ही मूल द्वारका (बेट द्वारका) में ही अरब सार में सबसे बड़ा केबल ब्रिज भी बन रहा है, जिसकी शुरुआत जन्माष्टमी के आसपास हो सकती है.
समुद्र में 300 फीट नीचे जाएगी सबमरीन
सबमरीन प्रोजक्ट की शुरुआत अगले साल जन्माष्टमी या फिर दिवाली पर की जा सकती है. हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है और वाइब्रेंट समिट में ऐलान किया जा सकता है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, सबमरीन लोगों को समुद्र में 300 फीट नीचे लेकर जाएगी. जहां, लोग हजारों साल पहले समुद्र में डूब चुकी भगवान श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी के दर्शन कराएगी. यह सफर करीब 2 से ढाई घंटे का होगा.
क्या होगी सबमरीन की खासियत?
द्वारका दर्शन के लिए चलाई जाने वाली सबमरीन का वजन करीब 35 टन होगा और यह पूरी तरह से एयर कंडीशंड होगी. इसमें एक साथ 30 लोग बैठ सकेंगे और हर सीट विंडो व्यू वाली होगी, ताकि प्राकृतिक सौंदर्यता को आसानी से देखा जा सके. हालांकि, सबमरीन में 24 यात्री ही दर्शन के लिए जा सकेंगे, क्योंकि अन्य 6 लोग क्रू के होंगे. इसमें 2 ड्राइवर, 2 गोताखोर, एक गाइड और एक टेक्निशियन शामिल होगा. यात्रियों को ऑक्सीजन मास्क, फेस मास्क और स्कूबा ड्रेस दिया जाएगा. सबमरीन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधा होगी, जिससे सबमरीन में बैठकर स्क्रीन पर सामने होने वाली हलचल को देख और रिकॉर्ड कर सकेंगे.
कितना होगा सबमरीन का किराया?
द्वारका दर्शन के लिए सबमरीन का किराया फिलहाल तय नहीं किया गया है. गुजरात सरकार ने अब तक किराए की घोषणा नहीं की है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसका किराया महंगा हो सकता है. लेकिन, आम आदमी को ध्यान में रखते हुए सरकार इसमें सब्सिडी जैसी रियायत देगी.