Veerana के 35 साल: ‘चुड़ैल’ बनकर लीड एक्ट्रेस Jasmin रातों-रात हो गई थी मशहूर, फिर छोड़ना पड़ा देश

अगर 90 के दशक के बच्चों से पूछा जाए कि हॉरर फ़िल्म की उनकी सबसे पहली याद कौन सी है तो एक ही जवाब मिलेगा- ‘वीराना’ (Veerana). 1988 में आई इस फ़िल्म ने न सिर्फ़ बच्चों को बल्कि बड़ों को भी डर के मारे चीखने पर मजबूर कर दिया था. रामसे ब्रदर्स (Ramsay Brothers) ने उस ज़माने में सिर्फ़ मेकअप से ऐसी हॉरर फ़िल्म बना दी थी, जो डरावनी थी. आज टेक्नोलॉजी बहुत एडवांस्ड हो चुकी है लेकिन रामसे ब्रदर्स ने ‘वीराना’ जैसा कारनाम 80 के दशक में ही कर दिखाया.

‘वीराना’- रामसे ब्रदर्स का इंडियन्स को तोहफ़ा

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80 के दशक की फ़िल्मों की बात करें तो दिमाग में मिथुन चक्रवर्ती, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना आदि आते हैं. लेकिन वीराना की बड़ी सी स्टार कास्ट में सिर्फ़ एक मशहूर अभिनेता थे, कुलभूषण खरबंदा (Kulbhushan Kharbanda). बॉलीवुड में हॉरर फ़िल्मों का दौर शुरू हो चुका था, 1988 में ही 5 फ़िल्में और इसके अगले साल 9 हॉरर फ़िल्में रिलीज़ हुईं.

रियल स्टोरी पर आधारित फ़िल्म

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‘वीराना’ की कहानी रियल लाइफ़ एक्सपीरियंस पर आधारित है. IMDb के एक लेख के अनुसार 1983 में श्याम रामसे (Shyam Ramsay) महाबलेश्वर से मुंबई लौट रहे थे. पुराना मंदिर (Purana Mandir, 1984) की शूटिंग करके वापस आ रहे थे रामसे. उनका कहना है कि हाईवे पर उनका और एक चुड़ैल का आमना-सामना हुआ. इसी घटना से उन्हें ‘वीराना’ बनाने की प्रेणा मिली.

1985 में रिलीज़ होने वाली थी फ़िल्म

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‘वीराना’ 1985 में रिलीज़ होने वाली थी. सेंसर बोर्ड की वजह से फ़िल्म को रिलीज़ करने में तीन साल की देरी हुई. सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म मेकर्स से फ़िल्म के कुछ सीन्स को दोबारा एडिट करने को कहा. 3 साल की देरी, सेंसर्शिप के साथ समस्याओं के बाद 1988 में फ़िल्म रिलीज़ हुई. फ़िल्म अनाउंसमेंट के दौरान जो एक्टर्स को साइन किया गया था, बाद में उनमें काफ़ी फेर-बदल हुआ. फ़िल्म लॉन्च के दौरान- राजन सिप्पी, रोशनी, प्रेम चोपड़ा, जगदीप, युनूस परवेज़ और हुमा ख़ान को फ़िल्म में लिया गया था.

जो एक्टर्स वीराना में नहीं देखे गए उन्हें 1985 में ‘सामरी’ (Saamri) 1985 में आई ‘तहखाना’ (Tahkhana) जैसी फ़िल्मों में काम करने का मौका मिला. ‘वीराना’ में तीन एक्टर्स का रियल और रील नेम एक ही था- जैस्मिन, हेमंत बिरजे और साहिला चड्ढा.

‘चुड़ैल’ बनकर रातों-रात हुई मशहूर

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फ़िल्म की लीड एक्ट्रेस जैस्मिन धुन्ना (फ़िल्म में नाम भी जैस्मीन) को बहुत से लोग नाम से नहीं जानते होंगे लेकिन ‘वीराना की एक्ट्रेस’ के नाम से ज़रूर जानते हैं. कुछ सूत्रों के अनुसार, जैस्मिन ने 1979 में ‘सरकारी मेहमान’ फ़िल्म से डेब्यू किया. वो 1984 में ‘डिवोर्स’ नामक फ़िल्म में भी नज़र आई. ‘वीराना’ ने जैस्मिन को रातों-रात स्टार बना दिया. फ़िल्म में जैस्मिन ने एक ऐसी लड़की का रोल किया है जो चुड़ैल के वश में है.

रातों-रात गायब हो गई लीड एक्ट्रेस

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एक नेगेटिव किरदार निभाकर जैस्मिन रातों-रात मशहूर हुईं और रातों-रात गायब भी हो गईं. फ़िल्म के बाद जैस्मिन को अंडरवर्ल्ड से फ़ोन आने लगे. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दाउद इब्राहिम जैस्मिन की खूबसूरती का कायल हो गया था. जैस्मिन ने तंग आकर देश छोड़ दिया और सूत्रों के अनुसार US जाकर बस गईं. फिल्हाल जैस्मिन कहां हैं, क्या कर रही हैं इस बारे में किसी को जानकारी नहीं है.

नकीता का रोल करने वाली एक्ट्रेस खुद से डरनी लगी थी

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‘वीराना’ में चुड़ैल का नाम नकीता है और ये किरदार कमल रॉय (Kamal Roy) ने निभाया था. नकीता को ‘कहानियों वाली चुड़ैल’ का ही लुक दिया गया था. कमल रॉय ने अपना मेकअप देखकर फ़िल्म छोड़ने का मन बना लिया था. उन्होंने बताया कि उन्हें फ़िल्म की शूटिंग के दौरान रातभर नींद नहीं आती थी. वो स्क्रिप्ट पढ़ने से भी घबराती थीं. तुलसी रामसे और श्याम रासमे ने उन्हें फ़िल्म करने के लिए मनाया.