अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि के 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर चर्चा बीते दिनों से शुरू हो गई है.
इस प्राण प्रतिष्ठा में कौन शामिल होगा, कौन नहीं? इस पर बहस हो रही है.
समारोह में शामिल होने का निमंत्रण सोनिया गांधी को भी दिया गया है. पर क्या वो शामिल होंगी? इस सवाल का जवाब स्पष्ट तौर पर कांग्रेस की ओर से अब तक नहीं दिया गया है.
मगर विश्व हिंदू परिषद ने अब इस पर प्रतिक्रिया दी है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रेसीडेंट आलोक कुमार ने कहा, ”खड़गे जी के पास मैं खुद गया था. अधीर रंजन चौधरी जी के पास भी राम मंदिर ट्रस्ट और वीएचपी के लोग गए थे. नृपेंद्र मिश्रा जी सोनिया गांधी को निमंत्रण देने गए. हमने विपक्ष के नेता को जब निमंत्रण दिया तो प्रधानमंत्री को निमंत्रण देने में क्या आपत्ति है. अगर राजनीति होती तो विपक्ष के नेता को क्यों देते. अगर राजनीति करनी होती तो सोनिया जी को क्यों बुलाते.”
वो बोले, ”मैंने बार-बार ये कहा है कि अगर वो आएंगे तो हम सम्मान से उनको स्थान देंगे. उनका स्वागत करेंगे. बाकी बड़ी पार्टियों के अध्यक्षों को भी बुलाया है. ये कार्यक्रम पूरे देश का है, सबका स्वागत है.”
राम मंदिर से जुड़े इस आयोजन पर केरल में विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं.
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ता में बैठी सीपीएम राम मंदिर आयोजन पर विवाद पैदा कर रही है.
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा, ”सीपीआईएम राजनीति कर रही है. कांग्रेस को इस आयोजन में पार्टी के तौर पर नहीं बुलाया गया है. कुछ लोगों को बुलाया गया है और इस बारे में सोचकर फैसला किया जाएगा.”